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नवरात्रि का त्योहार मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित है। नवरात्रि के दिनों में लोग उपवास भी रखते हैं और इस दौरान कलश और अखंड ज्योत भी जलाते हैं। इसके साथ ही जौ भी बोई जाती है। (Photo: Pexels) इन सात देशों में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है दशहरा
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लेकिन नवरात्रि के बाद कलश, अखंड ज्योत और जौ का क्या करना चाहिए। आइए जानते हैं: (Photo: Pexels)
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कलश का क्या करें?
शास्त्रों के अनुसार महानवमी पर नवरात्र का समापन होता है। ऐसे में घर में मिट्टी का कलश स्थापित है तो उसे नदी या तालाब में विसर्जित कर देना चाहिए। वहीं, तांबे, पीतल या अन्य धातु का कलश स्थापित किया है तो उसे धोकर दोबारा इस्तेमाल करने के लिए रख देना चाहिए। (Photo: Unsplash) -
कलश पर रखे नारियल का क्या करें?
कलश पर रखे नारियल को फोड़कर प्रसाद के रूप में बांट दिया जाता है। इस नारियल का एक टुकड़ा प्रसाद के रूप में कन्याओं की थाली में भी रखा जाता है। वहीं, कई जगहों पर नारियल को कलश के साथ विसर्जित भी किया जाता है। (Photo: Pexels) -
कलश के जल का इस्तेमाल?
कलश में रखे जल को कन्या पूजन के बाद घर के अलग-अलग हिस्सों में छिड़क देना चाहिए। मान्यता है कि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। वहीं, बचे हुए जल को तुलसी जी को भी अर्पित कर सकते हैं। (Photo: Unsplash) -
अखंड ज्योत
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अखंड ज्योत को खुद नहीं बुझाना चाहिए। तेल या घी समाप्त हो जाने पर यह अपने आप बुझ जाती है। बुझने के बाद दीये और बाती को मिट्टी के कलश और अन्य पूजन सामग्री के साथ नदी में विसर्जित कर देना चाहिए। (Photo: Pexels) -
जौ
नवरात्र में कलश के साथ थाली या फिर मिट्टी के बर्तन में जौ भी उगाई जाती है। नवमी को इसे विसर्जित करने की परंपरा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जौ को किसी पवित्र नदी में विसर्जित करना चाहिए। (Photo: Pexels) -
कलश का सिक्का
घटस्थापना करते वक्त कलश में सिक्का भी रखा जाता है। नवरात्रि के अंतिम दिन इस सिक्के को धन के स्थान या तिजोरी में रखना शुभ माना जाता है। (Photo: Pexels) 9 दिन व्रत के तीन चरण, साइंस के अनुसार तीसरा हो सकता है खतरनाक
