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आज के दौर में बालों का झड़ना, रूखापन, डैंड्रफ और कमजोर हेयर रूट लगभग हर दूसरे व्यक्ति की समस्या बन चुकी है। महंगे और खुशबूदार शैंपू तुरंत बालों को साफ और चमकदार दिखा तो देते हैं, लेकिन लंबे समय में यही केमिकल युक्त उत्पाद बालों की जड़ों को कमजोर कर देते हैं। आयुर्वेद बालों की देखभाल को केवल सफाई नहीं, बल्कि एक संस्कार मानता है। इसी सोच से जन्म हुआ है आयुर्वेदिक केश-प्रक्षालन (Hair Washing) का। (Photo Source: Pexels)
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क्या है आयुर्वेदिक केश-प्रक्षालन?
आयुर्वेद में बाल धोने का उद्देश्य केवल मैल हटाना नहीं है। इसका अर्थ है, बालों को नुकसान पहुंचाए बिना कोमल शुद्धिकरण, हेयर रूट को पोषण देना, और स्कैल्प के प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखना। इसी कारण आयुर्वेद में रीठा, शिकाकाई, आंवला जैसी औषधियों से बने हेयर वॉश चूर्ण का वर्णन मिलता है, जो बालों को धीरे-धीरे भीतर से स्वस्थ बनाते हैं। (Photo Source: Freepik) -
घर पर बनाएं आयुर्वेदिक हेयर वॉश पाउडर
यह हेयर वॉश पाउडर पूरी तरह नेचुरल है और आप इसे आसानी से घर पर बना सकते हैं। सामग्री: रीठा चूर्ण – 1 भाग, शिकाकाई चूर्ण – 3 भाग, आंवला चूर्ण – 3 भाग, जपा (गुड़हल) चूर्ण – 2 भाग, गुलाब पत्ती चूर्ण – 1 भाग, मेथी दाना चूर्ण – 1 भाग, नीम पत्ती चूर्ण – 1 भाग। सभी सामग्री छाया में सुखाई हुई, महीन पिसी और नमी रहित होनी चाहिए। इन्हें अच्छी तरह मिलाकर एयरटाइट डिब्बे में सुरक्षित रखें। (Photo Source: Freepik) -
यह हेयर वॉश पाउडर कैसे करता है काम?
रीठा और शिकाकाई बालों को बिना नुकसान पहुंचाए कोमल सफाई देते हैं। आंवला बालों को मजबूती, घनापन और प्राकृतिक चमक देता है। जपा (गुड़हल) बालों की वृद्धि को प्रोत्साहित करता है। गुलाब पत्ती स्कैल्प को ठंडक और सुकून देती है। मेथी रूखापन कम कर बालों को मुलायम बनाती है। नीम डैंड्रफ और खुजली से बचाव करता है। यह मिश्रण त्रिदोष-संतुलित है और विशेष रूप से पित्त-प्रधान लोगों के लिए लाभकारी माना जाता है। (Photo Source: Freepik) -
उपयोग की सही विधि
2–3 चम्मच हेयर वॉश पाउडर लें। इसे गुनगुने पानी में मिलाएं। 10–15 मिनट ढककर रख दें। सिर पर लगाकर हल्की मालिश करें। सादे या गुनगुने पानी से धो लें। ध्यान रखें कि यह झाग नहीं बनाता, इसलिए झाग की अपेक्षा न करें और नाखूनों से स्कैल्प न रगड़ें। (Photo Source: Pexels) -
पहली बार इस्तेमाल करने वालों के लिए सलाह
यदि आप लंबे समय से केवल शैंपू का उपयोग कर रहे हैं, तो शुरुआत में इस पाउडर में थोड़ी मात्रा में mild, sulfate-free shampoo मिला सकते हैं। धीरे-धीरे शैंपू की मात्रा कम करें और पूरी तरह नेचुरल हेयर वॉशिंग अपनाएं। (Photo Source: Pexels) -
खास बालों के लिए विशेष उपाय
रूखे, झड़ते या क्षतिग्रस्त बालों के लिए इस पाउडर में 1 चम्मच दही या 1 चम्मच एलोवेरा जेल मिलाकर उपयोग करें। इससे बालों को अतिरिक्त पोषण और नमी मिलती है। (Photo Source: Freepik) -
कितनी बार करें इस्तेमाल?
सामान्य बाल – सप्ताह में 2 बार, रूखे या सेंसिटिव स्कैल्प – सप्ताह में 1–2 बार, ऑयली बाल – सप्ताह में 2 बार पर्याप्त। अधिक बार धोना आवश्यक नहीं है। (Photo Source: Unsplash) -
लंबे समय तक उपयोग से मिलने वाले फायदे
नियमित उपयोग से बालों का झड़ना धीरे-धीरे कम होने लगता है। डैंड्रफ और खुजली में राहत मिलती है, बालों में प्राकृतिक चमक आती है और हेयर रूट मजबूत होते हैं। सबसे बड़ी बात यह कि बाल बिना किसी केमिकल के साफ और स्वस्थ रहते हैं। (Photo Source: Unsplash) -
आयुर्वेदिक हेयर वॉश पाउडर को शैंपू का विकल्प नहीं, बल्कि केश-संस्कार कहा गया है। यह तुरंत असर दिखाने का दावा नहीं करता, लेकिन जड़ से काम करता है। प्रकृति धीरे काम करती है, पर सही दिशा में करती है। (Photo Source: Pexels)
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