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1- जीवन में वही निर्णय लेना चाहिए जो शास्त्र और गुरु से प्रमाणित हो। प्रेमानंद महाराज के अनुसार तोहफे में भगवान की मूर्ति लेनी चाहिए या नहीं?
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2- मन को अनुशासित करने के लिए नियमित दिनचर्या आवश्यक है।
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3- अपने कर्तव्य पालन के लिए कष्ट सहना महान तपस्या है।
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4- अगर भगवान का स्मरण रहेगा, तो घोर विपत्ति भी संपत्ति बन जाएगी। प्रेमानंद महाराज से जानें किन लोगों को पूजा में मंत्रों का जाप नहीं करना चाहिए
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5- अपने गुणों पर अभिमान करने से आप में दुर्गुण उत्पन्न हो जाएंगे।
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6- यदि परमार्थ में आगे बढ़ना है तो सहनशील बनना होगा।
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7- जीवन में सुख, शांति और आनंद के लिए अध्यात्म आवश्यक है। मन में आते हैं गंदे विचार तो प्रेमानंद महाराज से जानें इसे कैसे काबू में करें?
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8- इंद्रिय संयम के बिना जीवन खोखला है।
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9- किसी भी जीव को कष्ट देना अपने लिए दुख को आमंत्रित करना है।
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10- प्रतिकूलता और अपमान परमार्थ के मार्ग की सीढ़ियां हैं। अगर कोई आपके साथ धोखा दे और छल करे तो क्या करें? प्रेमानंद महाराज ने बताया कैसी सजा देनी चाहिए