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प्रेमानंद महाराज ने कुछ नियम बताया है जिसके जरिए मन पर काबू किया जा सकता है। जिन लोगों को मन में गंदे विचार आते हैं उन लोगों के लिए ये नियम काम आ सकता है। (Photo: PremanandJi Maharaj/FB)
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जहर से भरा है प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि मन की रचना भगवान ने की है और त्रिगुण माया का भरा हुआ इसमें पूरा प्वाइजन जहर है। इसकी स्वभाव रचना ऐसी रची गई है कि अच्छी बात में जब मन लगाओ तब ही लगेगा लेकिन बुरे काम में इसे लगाने की जरूरत नहीं अपने आप ही लग जाता है। (Photo: Pexels)
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मन को कभी नहीं मिलती शांति
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, जब हमारा मन कहता है कि इस शरीर को भोग लें, इस वस्तु को भोग लें। लेकिन क्या उसको भोगने के बाद मन को शांति मिलती है। थोड़ी देर बाद फिर से मन में किसी नई चीज का विचार आने लगता है। (Photo: Pexels) -
मन पूरा जीवन भटकता है
उनके अनुसार सोचने में जो सुख मिलता है वैसा वास्तव में नहीं होता है। चाहे वो भोजन हो, कोई दृश्य हो या फिर क्रिया हो। मन हमें सोचने पर मजबूर करता है और ऐसे ही भटकते हुए पूरा जीवन व्यतीत हो जाता है। (Photo: Pexels) -
बुद्धिमान कौन है?
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि बुद्धिमान वो है जो मन में कुछ भी विचार होने पर दो-चार कदम में वापस लौट आए। वरना इसके मायाजाल में पूरा जीवन निकल जाता है, शरीर वृद्ध हो जाता है, इंद्रियां काम करना बंद कर देती हैं लेकिन मन वैसे ही सलाह देता रहता है। (Photo: Pexels) प्रेमानंद महाराज ने बताया सिर्फ एक महीने में हो सकते हैं कई चमत्कार, ये छोटा सा नियम बदल सकती है किस्मत -
डिप्रेशन में डाल देगा मन
इसके आगे वो कहते हैं कि आप जितना सोचते चले जाएंगे मन उतना ही नकारात्मकता पैदा करते चला जाएगा और परिणाम ये मिलेगा की वो आपको डिप्रेशन में पहुंचा देगा। किसी भी तरह से मन चैन नहीं लेने देगा। (Photo: Freepik) -
ऐसे करें कंट्रोल
मन को कंट्रोल करने का सबसे अच्छा तरीका है इसे भगवान की शरण में ले आएं। अगर ऐसा कर लेते हैं तो मन को शांति मिलेगी और सुख मिलेगा। (Photo: Pexels) -
भगवान से मिला सकता है ये मन
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि मन अगर सही राह पर चलें तो दूसरों के लिए प्राण दे सकता है। दूसरों का भला कर सकता है। अगर मन में आई धारणाओं का गलत इस्तेमाल करना छोड़ दें तो ये भगवान से मिला सकता है। सारा सुख दिला सकता है। (Photo: Pexels) -
धर्म मार्ग पर चलने से मिलेगा सुख
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, विरक्त मार्ग अलग होता है लेकिन गृहस्थ में तो धर्म पूर्वक विषय सेवन की मर्यादा है। ऐसे में हर किसी को धर्म पूर्वक चलना चाहिए। (Photo: Pexels) -
जिसे अपनी पत्नी से सुख नहीं मिला
इसके आगे वो कहते हैं कि अगर आपको अपनी पत्नी में या पति में सुख नहीं मिला तो पूरे विश्व में कहीं सुख नहीं मिलेगा। क्योंकि है ही नहीं। ऐसे में मनुष्य को सीमित हो जाना चाहिए। (Photo: Pexels) प्रेमानंद महाराज से जानें बाहर जाते समय लड्डू गोपाल की मूर्ति साथ ले जाएं या नहीं? रखें इन बातों का ध्यान -
भगवान के नाम का प्रलोभन देना पड़ता है
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि मन ऐसा है कि इसे भगवान में लगाने के लिए प्रलोभन देना पड़ता है तब जाकर ये लगता है। अगर ऐसे ही लगता है तो लगाना शुरू कर दें। धीरे-धीरे कर के मन के मायाजाल से बाहर निकल जाएंगे। (Photo: Pexels) -
भागवत के मार्ग पर ले जाएं
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि मन में गंदे विचारों से छुटकारा पाने के सबसे अच्छा तरीका है कि इसे सतमार्ग में लाएं और भागवत के मार्ग पर लाएं। धर्म पूर्वक चलने से गंदे कामों की ओर कम आकर्षित होंगे। मन में गंदे कामों को लेकर घृणा हो जाएगी। ऐसे में मन इधर-उधर नहीं भटकेगा। (Photo: Pexels) -
5 भोगों में फंसा है मनुष्य
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि, मनुष्य 5 भोगों में फंसा हुआ है… शब्द, स्पर्श, रूप, रस और गंध। इन्हीं भोगों से मनुष्य की दुर्गति हो जाती है। (Photo: Pexels) -
गंदे विचार को कैसे रोकें
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि भजन-कीर्तन से मन में आए गंदे विचारों को रोका जा सकता है। साधना से मन में आ रहे गलत विचारों को रोका जा सकता है। (Photo: Pexels) -
धर्म पूर्वक विषय सेवन से भी मन में बन रही गलत धारणाओं पर कंट्रोल पा सकते हैं। (Photo: Pexels)
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दूसरों की सेवा करें
इसके साथ ही वो ये भी कहते हैं कि, समाज की सेवा करने से भी मन पर काबू पाया जा सकता है। वो कहते हैं कि जरूरतमंदों की सेवा करके जो सुख मिलेगा वो पूरे जीवन में कहीं नहीं मिलेगा। दूसरे को सुख देने से जो मन में अनूभुती होती है वो और कहीं नहीं मिलती है। इसलिए मनुष्य को दूसरों की सेवा जरूर करनी चाहिए। (Photo: Freepik) प्रेमानंद महाराज ने बताया किन लोगों के नहीं मिलता दान करने का पुण्य
