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वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज भगवान श्रीकृष्ण और राधा-रानी के बड़े भक्त हैं। उनके कीर्तन और उपदेश के वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल होते रहते हैं। (Photo: Bhajan Marg/FB) मासिक धर्म के दौरान लड्डू गोपाल को छूना चाहिए या नहीं? प्रेमानंद महाराज ने बताया सेवा करने का सही तरीका
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उनके वृंदावन धाम क्रिक्रेटर, सेलिब्रिटी से लेकर देश की बड़ी-बड़ी हस्तियां प्रवचन सुनने के लिए और अपनी समस्याएं लेकर पहुंचती हैं। (Photo: Bhajan Marg/FB)
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प्रेमानंद महाराज ने छोटी उम्र में ही घर छोड़ दिया था और वैराग्य की ओर चल पड़े थे। इतनी छोटी उम्र में उनके मन में बाबा बनने की चेष्टा कैसे आई। आइए जानते हैं: (Photo: Bhajan Marg/FB)
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प्रेमानंद महाराज के अनुसार जब वो स्कूल से घर आते थे और अपना बैग रखने के बाद जब घरवालों (माता, पिता, भाई) को देखते तो उन्हें लगता था कि सब मरेंगे। एक दिन कोई नहीं बचेगा। सब छोड़ जाएंगे एक दिन। आखिर में सत्य क्या है? (Photo: Bhajan Marg/FB) नदी में पैसा फेंकना सही या गलत? प्रेमानंद महाराज ने बताया इसके बदले क्या करें
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उनके अनुसार कहीं न कहीं पूर्व जन्म का कोई बीच था जो सत्य के लिए उन्हें प्रेरित करता था। बचपन में भी वो सोचते थे कि आखिर सत्य क्या है, कौन साथी है मेरा, जब मरना है तो फिर सत्य क्या है? मन में अक्सर सत्य का खोज करते रहते थे। (Photo: Bhajan Marg/FB)
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प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि रोज शाम को उनके बड़े भाई घर पर करीब आधा घंटा श्रीमद्भागवत सुनाते थे। उस दौरान सात्विक माहौल रहता था और घर का हर एक सदस्य कथा सुनता था। (Photo: Bhajan Marg/FB)
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प्रेमानंद महाराज को उस भागवत से पता चला कि भगवान की प्राप्ति ही जीव का परम लक्ष्य है। उनके अनुसार कोई पूर्व का तप और भजन जरूर रहा होगा क्योंकि, बाल्यावस्था में ऐसी लगन और उपलब्धि मुश्किल होती है। (Photo: Bhajan Marg/FB) प्रेमानंद महाराज से जानें काम छोड़कर भक्ति करना सही या गलत?
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मन में इन विचारों को ढूंढने के लिए प्रेमानंद महाराज ने अंत में ठान लिया कि वह सत्य की खोज में निकलेंगे। इसके बाद नौवीं कक्षा पास करते हुए भगवान की प्राप्ति के लिए वो संसार से भाग निकले। (Photo: Bhajan Marg/FB)
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उस दौरान उन्हें यह भी नहीं पता था कि भगवान की प्राप्ति के लिए गुरु बनाया जाता है। संत वरण… इत्यादि। उस दौरान कुछ ज्ञान नहीं था। (Photo: Bhajan Marg/FB) अगर बिल्ली रास्ता काट दे या कोई टोटका कर दे तो क्या करें? प्रेमानंद महाराज ने बताया एकदम सरल उपाय