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नवरात्रि का त्योहार पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-आराधना की जाती है। इसके साथ ही लोग उपवास भी रखते हैं। उपवास रखने से शरीर पर भी काफी फर्क पड़ता है।
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उपवास रखने से शरीर को कई सारे लाभ मिलते हैं। आइए जानते हैं वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व क्या है?
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व्रत के दौरान अन्न का सेवन नहीं किया जाता है। फल या फिर हल्के भोजन जो उपवास के लिए बने हैं उनका सेवन किया जाता है।
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साइंस के अनुसार लगातार खाते रहने से शरीर में विषैले तत्व (टॉक्सिन) जमा हो जाते हैं। ऐसे में व्रत रखने से शरीर को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। इससे विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।
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इसके अलावा उपवास रखने से पाचन तंत्र और आंतों को आराम मिलता है जिससे यह बेहतर ढंग से काम करता है।
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व्रत रखने से शरीर में कैलोरी की खपत कम होती है जिससे वजन कंट्रोल में रहता है और मोटापे से राहत मिल सकता है।
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इसके साथ ही व्रत रखने से मानसिक तनाव और चिंता कम होती है। इससे दिमाग शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती है।
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धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उपवास रखने से मन, शरीर और आत्मा की शुद्धि होती है। यह एक तरह का तप है जो जिसमें अपने शरीर को कष्ट देकर आत्म-नियंत्रण करने की कोशिश करते हैं। सामने होने के बाद भी भोजन न करने से यह संयम और धैर्य को बढ़ाता है। -
उपवास को ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग माना जाता है। भोजन की आसक्ति से दूर होकर उपवास रखने वाला अपने मन और इंद्रियों पर नियंत्रण पा सकता है।
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उपवास के दौरान साधक जप, पूजा और ध्यान में समय बिताता है जिन न आंतरिक शांति के साथ आत्मिक शक्ति भी बढ़ती है। शास्त्रों के अनुसार उपवास से पापों का क्षय होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।