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अंतरिक्ष में जीवन जीना सुनने में बहुत रोमांचक लगता है, लेकिन वहां रहना हमारे शरीर पर कई अनपेक्षित और जटिल प्रभाव डालता है। नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर ने जब अंतरिक्ष से लौटे, तो उन्होंने कई शारीरिक और मानसिक चुनौतियों का सामना किया। (Photo Source: NASA)
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मांसपेशियों और हड्डियों का कमजोर होना
पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण हमारे शरीर की मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाए रखता है। लेकिन अंतरिक्ष में गुरुत्व की कमी से ये कमजोर होने लगती हैं। इससे शरीर की ताकत कम हो जाती है। (Photo Source: NASA) -
वजन बनाए रखना एक चुनौती
अंतरिक्ष में भूख कम लगती है और चयापचय (metabolism) भी बदल जाता है, जिससे वजन कम हो जाता है। स्वस्थ वजन बनाए रखना वहां एक बड़ी चुनौती होती है। (Photo Source: NASA) -
रक्त प्रवाह और दृष्टि समस्याएं
पृथ्वी पर गुरुत्व रक्त को नीचे की ओर खींचता है, लेकिन अंतरिक्ष में रक्त सिर की ओर एकत्र हो जाता है। इससे आंखों की रेटिना पर असर पड़ सकता है और दृष्टि कमजोर हो सकती है। (Photo Source: NASA) -
त्वचा की संवेदनशीलता और चकत्ते
कई अंतरिक्ष यात्रियों ने लंबे समय तक मिशन पर रहने के बाद त्वचा में जलन और चकत्तों की शिकायत की है। यानी कि स्किन अधिक संवेदनशील हो जाती है। (Photo Source: NASA) -
अच्छे बैक्टीरिया का असंतुलन
हमारे शरीर में मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया पाचन, इम्युनिटी और मस्तिष्क के लिए जरूरी होते हैं। अंतरिक्ष में इन बैक्टीरिया का व्यवहार बदल जाता है, जिससे स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। (Photo Source: NASA) -
चलने में परेशानी
महीनों तक अंतरिक्ष में रहने के बाद जब अंतरिक्ष यात्री धरती पर लौटते हैं, तो उन्हें चलने-फिरने में कठिनाई होती है। उनकी मांसपेशियों और संतुलन को सामान्य होने में समय लगता है। (Photo Source: NASA) -
अभी भी अध्ययन जारी है
वैज्ञानिक अभी भी यह जानने में जुटे हैं कि अंतरिक्ष यात्रा हमारे शरीर और दिमाग पर किस तरह लॉंग टर्म इफेक्ट्स डालती है। (Photo Source: NASA)
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