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हर साल 14 नवंबर को पूरे भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस आधुनिक युग में बच्चों को लेकर चाणक्य नीति में कुछ बातें लिखी हैं। (Photo: ChatGPT) बच्चे की हाईट बढ़ाने के लिए प्राकृतिक तरीके, माता-पिता अपनाएं ये आसान टिप्स
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चाणक्य नीति में बताया गया है कि माता-पिता को किस तरह अपने बच्चे की परवरिश करनी चाहिए जिससे उसका भविष्य उज्ज्वल हो और पेरेंट्स का नाम रोशन हो। (Photo: ChatGPT)
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1- चाणक्य नीति के अनुसार माता-पिता का ये कर्तव्य है कि वह अपने बच्चे को आज्ञाकारी बनाएं। एक आज्ञाकारी पुत्र के माता-पिता के लिए यह धरती ही स्वर्ग के समान होती है।
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2- एक पिता को अपने पुत्र को अच्छे गुणों की सीख देना चाहिए। क्योंकि नीतिज्ञ और ज्ञानी व्यक्तियों की ही समाज में पूजा होती है। बच्चे का नहीं लगता पढ़ने में मन, इन पांच तरीकों से बढ़ा सकते हैं फोकस
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3- जो माता-पिता अपने बच्चे को शिक्षा नहीं देते हैं वह बच्चों के शत्रु के समान हैं। क्योंकि विद्याहीन बालक विद्वानों की सभा में वैसे ही तिरस्कृत किए जाता है जैसे हंसों की सभा में बगुले।
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4- बच्चों को अत्यधिक लाड़-प्यार नहीं करना चाहिए। इससे बच्चों में गलत आदतें पड़ती हैं, उन्हें कड़ी शिक्षा देने से वे अच्छी आदतें सीखते हैं।
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5- चाणक्य नीति के अनुसार बच्चों को अच्छी शिक्षा देते वक्त जरूरत पड़ने पर दंडित भी करने में संकोच नहीं करना चाहिए। यह उनके सफल भविष्य की ओर का रास्ता है।
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6- ऐसा एक भी दिन नहीं जाना चाहिए जिस दिन आप अपने बच्चे को कोई नई सीख न दें।
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7- माता-पिता को चाहिए कि वह अपने पुत्र को सभी गुणों से सुशोभित करने में कोई कसर न छोड़ें। क्योंकि, जिस तरह सारा वन केवल एक ही पुष्प एवं सुगंध भरे वृक्ष से महक जाता है उसी तरह एक ही गुणवान पुत्र पूरे परिवार का नाम रोशन करता है।
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8- चाणक्य नीति के अनुसार पांच वर्ष तक बेटे को खूब लाड़ प्यार से पालन करना चाहिए।
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9- बच्चा जब 10 साल का हो जाए तो उसे डांटने से जरा भी संकोच नहीं करना चाहिए। क्योंकि, इस उम्र में बच्चों को गलत और सही का फर्क समझना जरूरी होता है।
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10- चाणक्य नीति के अनुसार जब बच्चा 16 वर्ष का हो जाए तो पिता को उससे मित्र के तरह व्यवहार करना चाहिए। बच्चे को बनाना है टॉपर? उनकी डाइट में जरूर शामिल करें ये 7 मेमोरी बूस्टर फूड्स