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दुख और सुख जीवन के ही हिस्सा हैं। सुख में इंसान खुश होता है और दुख में दर्द में होता है। कई लोग हैं जो अपने बुरे वक्त से लड़ कर आगे निकल जाते हैं तो कई इसके भंवर में फंस जाते हैं। (Photo: Unsplash)
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जीवन का जब सबसे बुरा दौर चल रहा होता है तो इसी के बाद अच्छा वक्त शुरू होता है। लेकिन चाणक्य नीति की इन 10 बातों को अगर आपने अपने दिमाग में बैठा लिया तो आपका बुरा वक्त कब गुजर जाएगा पता नहीं चलेगा। चाणक्य की ये अनमोल बातें हर व्यक्ति को याद रखना:
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1- सत्य
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सत्य ही इस दुनिया को धारण करता है। सत्य से ही सूर्य प्रकाशमान है। सत्य से ही हवाएं चलती हैं तथा सत्य पर ही सब कुछ आश्रित है। ऐसे में कुछ भी हो जाए आपको सच का साथ नहीं छोड़ना है। (Photo: Unsplash) -
2- एक चीज छोड़कर सब चंचल है
लक्ष्मी जो संपत्ति की देवी हैं वह चंचल हैं। हमारी श्वास भी चंचल है। समस्त संसार ही चंचला है अर्थात इस विश्व में कुछ भी स्थिर नहीं है। यदि कुछ इस संसार में स्थिर है तो वह केवल धर्म है। (Photo: Unsplash) -
3- ऐसे लोगों को खुश कैसे करें
एक लालची आदमी को धन से, अहंकारी को हाथ जोड़कर, मूर्ख को सम्मान देकर और विद्वान को सच बोलकर संतुष्ट करना चाहिए। (Photo: Unsplash) -
4- सफल कैसे हों
बुद्धिमान व्यक्ति को अपनी इंद्रियों को बगुले की तरह वश में करते हुए अपने लक्ष्य को जगह, समय और योग्यता के अनुसार पूर्ण करना चाहिए। (Photo: Unsplash) -
5-सुखी कौन होता है
जो व्यक्ति आर्थिक व्यवहार करने में, ज्ञान अर्जन करने में , खाने में और काम-धंदा करने में शर्माता नहीं है वो सुखी होता है। (Photo: Unsplash) -
6- संतुष्ट किससे रहें
एक व्यक्ति को अपनी पत्नी, भगवान का दिया भोजन और धन से हमेशा संतुष्ट रहना चाहिए। (Photo: Unsplash) -
7- किन चीजों से कभी संतुष्ट न रहें
आचार्य चाणक्य द्वारा लिखी गई चाणक्य नीति के अनुसार एक व्यक्ति को विद्या अभ्यास, भगवान का नाम जप और दान से कभी संतुष्ट नहीं होना चाहिए। (Photo: Unsplash) -
8- किसकी होती है इज्जत
जिस व्यक्ति के पास धन होता है उसके पास मित्र और सगे संबंधी भी बहुत होते हैं। वही पुरुष भी माना जाता है और उसी को इज्जत भी मिलती है। (Photo: Unsplash) -
9- कहां स्थित है परमात्मा
जिस प्रकार फूलों में खुशबु है, तिल में तेल है, लकड़ी में अग्नि है, दूध में घी है, गन्ने में गुड़ है, उसी प्रकार हर व्यक्ति में आत्मा रूप से परमात्मा स्थित है। (Photo: Unsplash) -
10- धर्म क्या है
शांति के समान कोई तप नहीं है, संतोष से श्रेष्ठ कोई सुख नहीं, तुष्णा से बढ़कर कोई रोग नहीं और दया से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। (Photo: Unsplash) कोई आपके साथ हो या न हो, बस दिमाग में बैठा लें चाणक्य नीति की ये 10 बातें, गरीबी और भय का होगा नाश