-
1- क्रोध से भ्रम उत्पन्न होता है, भ्रम से स्मृति का नाश होता है, स्मृति के नाश से बुद्धि का विनाश होता है और बुद्धि के नष्ट होने से व्यक्ति का पतन हो जाता है। चाणक्य नीति: सुखी जीवन का रहस्य, व्यक्ति को इन 6 बातों पर हमेशा विचार करना चाहिए
-
2- श्रद्धा रखने वाला, इंद्रियों को वश में रखने वाला व्यक्ति ज्ञान प्राप्त करता है और इस ज्ञान से पर शांति को प्राप्त करता है।
-
3- इस संसार में कोई भी व्यक्ति एक क्षण के लिए भी कर्म किए बिना नहीं रह सकता है। प्रत्येक व्यक्ति को प्रकृति से उत्पन्न गुणों द्वारा विवश होकर कर्म करना पड़ता है।
-
4- मनुष्य को स्वयं ही अपना उद्धार करना चाहिए और स्वयं को पतन की ओर नहीं ले जाना चाहिए, क्योंकि आत्मा ही आत्मा का मित्र और शत्रु होती है। गीता उपदेश: जीवन में आध्यात्मिक बदलाव और सफलता चाहते हैं तो याद रखें गीता के ये दस उपदेश
-
5- जो व्यक्ति काम और क्रोध से मुक्त है, जिन्होंने अपने मन को वश में कर लिया है और आत्मज्ञान प्राप्त कर लिया है, वे सभी ओर से ब्रह्मनिर्वाण यानी परम शांति को प्राप्त होते हैं।
-
6- जो व्यक्ति बाहर विषयों में आसक्त नहीं होता और अपने भीतर आनंद प्राप्त करता है, वह ब्रह्मयोग में स्थित होकर शाश्वत सुख का अनुभव करता है।
-
7- जो अत्यधिक भोजन करता है या जो बिल्कुल नहीं खाता, जो बहुत अधिक सोता है या जो बिल्कुल नहीं सोता, उसका योग संभव नहीं है। गीता उपदेश: असफल होने के बाद क्या करें? बुरे वक्त को बदलने में मदद करेंगे गीता के यह 10 उपदेश
-
8- जो शत्रु और मित्र में, मान और अपमान में, सर्दी और गर्मी में, सुख और दुख में समान रहता है तथा आसक्ति से मुक्त है, वही श्रेष्ठ योगी है।
-
9- जिस प्रकार एक सूर्य सम्पूर्ण जगत को प्रकाशित करता है, उसी प्रकार आत्मा सम्पूर्ण शरीर को प्रकाशित करता है।
-
10- इस संसार में ज्ञान के समान कोई भी पवित्र वस्तु नहीं है। जो योग में सिद्ध हो जाता है, वह अपने भीतर ही समय के साथ उस ज्ञान को प्राप्त करता है। विदुर नीति: सफलता के पांच नियम, हर मुसीबत में याद रखें