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1- तुम्हारे साथ जो हुआ वह अच्छा हुआ, जो हो रहा है वो भी अच्छा है और जो होगा वो भी अच्छा होगा। गीता उपदेश: असफल होने के बाद क्या करें? बुरे वक्त को बदलने में मदद करेंगे गीता के यह 10 उपदेश
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2- जिंदगी में हम कितने सही हैं और कितने गलत हैं यह केवल दो लोग जानते हैं, एक परमात्मा और दूसरी हमारी अंतरात्मा।
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3- जब तक शरीर है तब तक कमजोरियां रहेंगी ही। इसलिए कमजोरियों की चिंता छोड़ जो सही कर्म है उस पर ध्यान लगाना चाहिए।
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4- अशांत मन को नियंत्रित करना कठिन होता है, लेकिन अभ्यास से इसे अपने वश में किया जा सकता है। विदुर नीति: सफलता के पांच नियम, हर मुसीबत में याद रखें
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5- इंसान अपने जन्म से नहीं बल्कि कर्मों से महान बनता है।
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6- जो क्रोध करता है उसके मन में भ्रम पैदा होता है, जिससे उसका बौद्धिक तर्क नष्ट हो जाता है। धीरे-धीरे कर उस व्यक्ति का पतन होने लगता है।
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7- परिवर्तन संसार का नियम है समय के साथ संसार में हर चीज परिवर्तन के नियम का पालन करती है। चाणक्य नीति: ऐसे सात लोग धरती पर बोझ हैं, मनुष्य के रूप में जानवर हैं
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8- वासना, क्रोध और लालच नरक के तीन दरवाजे हैं।
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9- जो व्यक्ति मैं और अहम की भावना से मुक्त हो जाता है उसे जीवन में शांति की प्राप्ति होती है।
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10- जैसे अंधेरे में प्रकाश की ज्योति जगमगाती है ठीक उसी प्रकार से सत्य की चमक भी कभी फीकी नहीं पड़ती है। इसलिए व्यक्ति को सदैव सत्य बोलना चाहिए। गीता उपदेश: दुनिया की कोई ताकत आपको हरा नहीं पाएगी, मुश्किल दौर में याद रखें गीता के ये 10 उपदेश
