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अपने जमाने की स्टार एक्ट्रेसेस में से एक ममता कुलकर्णी का नाम 90 के दशक की बोल्ड एक्ट्रेस में भी शुमार था। ममता कुलकर्णी अब महामंडलेश्वर बन गई हैं। उन्होंने किन्नर अखाड़े में आध्यात्मिक जीवन अपनाया है। हालांकि, कई सनातन धर्मगुरुओं ने ममता कुलकर्णी पर आध्यात्म की राह पकड़ने पर नाराजगी भी व्यक्त की है और धर्म-परंपरा की अनदेखी करके उन्हें महामंडलेश्वर बनाने का आरोप भी लग रहा है। (Photo: PTI)
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किन्नर अखाड़े का कहना है कि ममता कुलकर्णी को सारी प्रक्रिया का पालन करने के बाद महामंडलेश्वर बनी हैं। अब ममता कुलकर्णी को यमई ममता नंदगिरी के नाम से जाना जाएगा। ऐसे में आइए जानते हैं कैसे बनते हैं महामंडलेश्वर और क्या-क्या हैं नियम: (Photo: PTI)
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अखाड़ों में महामंडलेश्वर का पद वैभव और प्रभावशाली होता है। छत्र-चंवर लगाकर चांदी के सिंहासन पर आसीन होकर महामंडलेश्वर की सवारी निकलती है। (Photo: PTI)
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होती है जांच
इसके साथ ही महामंडलेश्वर का जीवन त्याग से परिपूर्ण होता है। इस पद पर आने के लिए पांच स्तरीय जांच और ज्ञान-वैराग्य की परीक्षा में खरा उतरना पड़ता है। (Photo: PTI) -
कई चीजों को करना होता है जीवन भर त्याग
जब महामंडलेश्वर की पदवी मिल जाती है तो उसके बाद जीवन भर कई चीजों का त्याग करना होता है। इन नियमों का पालन नहीं किया तो अखाड़े से निष्कासित किया जा सकता है। (Photo: PTI) गले में रुद्राक्ष-भगवा पहने महाकुंभ में दिखीं ममता कुलकर्णी, बनीं संन्यासी, देखें तस्वीरें -
देनी पड़ती है ये सारी जानकारी
जब कोई व्यक्ति संन्यास या महामंडलेश्वर की उपाधि के लिए अखाड़े से संपर्क करता है तो उसे अपना नाम, पता, एजुकेशन, सगे-संबंधियों का ब्योरा और नौकरी-व्यवसाय की पूरी जानकारी देनी होती है। इसके बाद अखाड़े के थानापति उसकी जांच-पड़ताल करते हैं। (Photo: PTI) -
थानापति करते हैं जांच
थानापति की चांज के बाद अखाड़े के सचिव व पंच भी जांच करते हैं। इसमें परिवार, रिश्तेदारों से लेकर स्कूल-कॉलेज तक में जाकर उसके बारे में पता करते हैं। इसके साथ ही स्थानीय थाना से भी उसके बारे में जानकारी इकट्ठी की जाती है कि उसका कोई आपराधिक संलिप्तता तो नहीं है। (Photo: PTI) -
होती है परीक्षा
इसके बाद पूरी रिपोर्ट अखाड़े के सभापति को दी जाती है जिसके बाद वो अपने स्तर से जांच करवाते हैं। जब जांच पूरी हो जाती है तो फिर अखाड़े के पंच उसके ज्ञान की परीक्षा लेते हैं। जब व्यक्ति इसमें पास हो जाता है तो उसे महामंडलेश्वर की उपाधि देने पर निर्णय किया जाता है। (Photo: PTI) -
पाबंदी
महामंडलेश्वर बनने के बाद घर-परिवार के लोगों से दूर रहना पड़ता है। संपर्क सामने आने पर अखाड़े से निष्कासित कर दिया जाता है। (Photo: PTI) -
इनका भी करना होता है पालन
इसके साथ ही चारित्रिक दोष भी नहीं लगना चाहिए। साथ ही आपराधिक छवि के किसी भी व्यक्ति से संबंध नहीं होना चाहिए। भोग-विलासिता से दूर रहना और मांस-मदिरा के सेवन से दूर रहना होता है। ये सब नहीं पालन करने पर अखाड़े से निष्कासित कर दिया जाता है। (Photo: PTI) सिर्फ शिव जी ही नहीं इन देवताओं की भी नागा साधु करते हैं पूजा, ऐसा होता है भोजन