-
समरकंद से उठकर हिंदुस्तान की जमीन पर आए मुगलों ने मराठा योद्धाओं से कई युद्ध लड़े लेकिन छत्रपति शिवाजी को वो कभी हरा नहीं पाए। छत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यु के बाद मुगलों को लगा कि मराठा साम्राज्य कमजोर हो गया है। (Photo: Indian Express)
-
लेकिन उनके सामने महान मराठा योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज सीना ताने खड़े थे जो मुगलों के लिए शिवाजी महाराज की ही तरह काल थे। यही फिल्म छावा में दिखाया गया है। फिल्म ‘छावा’ में विक्की कौशल के अदाकारी की हर ओर खूब सराहना हो रही है। (Photo: Vicky Kaushal/Insta)
-
विक्की कौशल ने जिस तरह से फिल्म में महान मराठा योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज की भूमिका अदा की है उससे हर किसी का दिल जीत लिया है। संभाजी महाराज बने विक्की कौशल उनके किरदार में पूरी तरह से रमें नजर आएं। इसी फिल्म में विक्की कौशल कई हथियार से मुगलों का सिर धड़ से अलग करते नजर आएं। (Photo: Vicky Kaushal/Insta)
-
मराठा युद्ध के मैदान में कई ऐसे हथियारों का इस्तेमाल करते थे जो दुश्मनों लिए काल हुआ करता था। मुगलों का सबसे फेवरेट हथियार ‘दांडपट्टा’ था जिसे ‘पाटा’ भी कहा जाता है। (Photo: Vicky Kaushal/Insta) रणवीर इलाहाबादिया का पाकिस्तान से क्या है नाता? जानें कैसे पड़ा सरनेम और सोशल मीडिया फॉलोअर्स
-
फिल्म में मुगलों से युद्ध के दौरान विक्की कौशल भी इस घातक हथियार दांडपट्टा का इस्तेमाल करते नजर आएं। इस घातक हथियार को मराठा योद्धाओं की ताकत भी कहा जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में: (Photo: Vicky Kaushal/Insta)
-
दांडपट्टा तलवार जैसी होती है। इसे अनोखा इसका ‘हैंडल’ बनाता है। आम तलवारों में जहां हैंडल की तरफ हाथ बिना ढके होते हैं तो वहीं दांडपट्टा तलवार का हैंडल पूरी तरह से ढका हुआ होता था। जिसके चलते युद्ध के दौरान दुश्मन के वार से हाथ पर हमला होने का खतरा कम रहता था। (Photo: Still From Movie Trailer)
-
दांडपट्टा तलवार की अधिकतम लंबाई करीब 5 फीट और इसके ब्लेड की लंबाई 4 फीट तक होती थी। इसका हैंडल 1 फीट लंबा होता था। इसके ब्लेड लचीला और काफी तेज होता था। (Photo: Still From Movie Trailer)
-
छत्रपति शिवाजी महाराज का ये सबसे प्रिय हथियार हुआ करता था। अब तक की तस्वीरों में अक्सर ये हथियार उनके हाथों में नजर आता रहा है। (Photo: Rachel Parikh/Insta)
-
मराठा योद्धाओं ने इस हथियार के बदौलत कई जंग जीती है। दांडपट्टा मुगलों से लेकर राजपूतों तक सभी के पास मौजूद था। लेकिन चलाने में जितना माहिर मराठा योद्धा थे उतना कोई नहीं था। (Photo: Rachel Parikh/Insta) 90s में कैसी दिखती थीं ममता कुलकर्णी? देखें खूबसूरत तस्वीरें
-
मराठा योद्धाओं के पास इस शस्त्र को चलाने की एक खास स्किल होती थी। आम तलवारों के मुकाबले इस तलवार की ब्लेड लंबी और लचीली होती है जिसे मोड़ना कौशल का काम है और इसे ठीक से मोड़ने का कौशल सिर्फ मराठा योद्धाओं में था। (Photo: Indian Express)
-
मराठा इसे पट्टा कहते थे। इस चलाने वाले कुशल व्यक्ति को पट्टेकरी कहा जाता था जिसे 10 धरकरी के बराबर माना जाता था। (Photo: Rachel Parikh/Insta)
-
इतिहास की मानें तो जब मुगल सम्राट अफजल खान के अंगरक्षक बड़ा सैयद ने प्रतापगढ़ की लड़ाई में शिवाजी महाराज पर तलवारों से हमला किया था तो इस दौरान उनके प्रमुख अंगरक्षक जिवा महाला ने दंडपट्टा से सैयद का एक हाथ धड़ से अलग कर उसे मार गिराया था। (Photo: Rachel Parikh/Insta)
-
छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने एक अन्य सेनापति बाजी प्रभु देशपांडे को भी दांडपट्टा चलाने में महारत हासिल थी। इसकी ट्रेनिंग उन्हें खुद शिवाजी महाराज ने दी थी। (Photo: Rachel Parikh/Insta)
-
मराठा योद्धाओं ने इस तलवार का इस्तेमाल सबसे अधिक 17वीं व 18वीं शताब्दी के दौरान हुए युद्धों में मुगलों के खिलाफ किया था। (Photo: Still From Movie Trailer)
-
बता दें कि, दांडपट्टा हथियार महाराष्ट्र का राजकीय हथियार है। पिछले साल छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दांडपट्टा तलवार को राज्य का आधिकारिक हथियार घोषित किया था। (Photo: Still From Movie Trailer) कुमार विश्वास का पहला प्यार और ब्रेकअप, लड़की के घरवालों से मिले तो सुना दी थी इतनी कविताएं
