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भारी हथियारों से लैस पुलिसकर्मी आज सिडनी कैफे में घुस गए और 15 लोगों को ईरानी मूल के बंदूकधारी के कब्जे से मुक्त कराया। (फोटो: एपी)
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कब्जे से मुक्त होकर लोगों ने खुदा को किया धन्यवाद। (फोटो: एपी)
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इस घटना में दो लोगों की मौत की खबर है, लेकिन इस कैफे में बंधक बनाए गए दो भारतीय सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे। (फोटो: एपी)
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ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े शहर सिडनी की घनी आबादी वाले इलाके में स्थित लिंट चाकलेट कैफे में पुलिसकर्मियों ने स्थानीय समयानुसार मंगलवार तडके-तडके ढाई बजे (भारतीय समयानुयार रात नौ बजे) प्रवेश किया और बाद में इस संकट के खत्म होने का एलान किया गया। (फोटो: एपी)
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बहरहाल, बंदूकधारी को मारा गया या पकड़ा गया, इस बारे में कोई ब्यौरा नहीं मिला है। इस बंदूकधारी की शिानाख्त 50 साल के हारून मोनिस के रूप में हुई है। (फोटो: एपी)
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ऑस्ट्रेलियन टीवी ने खबर दी है कि बंदूकधारी मोनिय और एक बंधक मारे गए हैं तथा तीन अन्य घायल हो गए हैं। पुलिस इसकी पुष्टि नहीं की है। (फोटो: एपी)
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बंदूकधारी के पूर्व वकील ने 50 वर्ष के इस शख्स को अलग थलग रहने वाला व्यक्ति बताया है, जो अकेले इस घटना को अंजाम दे रहा था। (फोटो: एपी)
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यह बंदूकधारी 1996 में शरणार्थी के तौर पर ऑस्ट्रेलिया आया था। वह अफगानिस्तान में अपनी जान गंवाने वाले ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों के परिवारों को चिट्ठियां लिखकर चर्चा में आया, जिन्हें वह हत्यारे कहा करता था। (फोटो: एपी)
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पिछले साल नवंबर में उसपर अपनी पूर्व पत्नी की हत्या में शामिल होने का आरोप लगा, जिसे उसके आवासीय परिसर में चाकू घोंपकर मौत के घाट उतार दिया गया था। मार्च में उसपर एक युवती के यौन शोषण और उसपर अभद्र हमला करने का आरोप लगा। (फोटो: एपी)
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विश्वकांत सिडनी व्यवसायिक जिले के बीचोंबीच स्थित मार्टिन प्लेस के लिंट चाकलेट कैफे में था, जब बंदूकधारी ने कैफे में प्रवेश किया और वहां मौजूद लोगों को बंधक बना लिया। (फोटो: एपी)
