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बॉलीवुड की पहली फीमेल सुपरस्टार श्रीदेवी को गुजरे आज 6 साल बीत चुके हैं। 24 फरवरी 2018 को दुबई से अचानक खबर आई थी कि श्रीदेवी नहीं रहीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कार्डियक अरेस्ट के कारण उनकी मौत हो गई थी।
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13 अगस्त 1963 को तमिलनाडु में श्री अम्मा यंगर अयप्पन के रूप में जन्मीं श्रीदेवी ने चार साल की छोटी उम्र में एक बाल कलाकार के रूप में काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में सुपर स्टारडम हासिल किया था।
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वह पहली ऐसी एक्ट्रेस थीं जिन्होंने 10 साल की उम्र में ही हीरोइन का रोल प्ले किया था। के.बालाचंदर की फिल्म मुंदुर मुदिचु में उन्होंने लीड रोल प्ले किया था।
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साल की श्रीदेवी ने इस फिल्म में 18 साल की सेलवी नाम की एक ऐसी लड़की का रोल प्ले किया था जो प्रेमी और बहन की मौत के बाद गरीबी में एक बुजुर्ग आदमी से शादी कर लेती है।
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इस फिल्म में कमल हासन ने श्रीदेवी के बॉयफ्रेंड और रजनीकांत ने विलेन का रोल प्ले किया था। इस फिल्म में श्रीदेवी को रजनीकांत से ज्यादा फीस दी गई थी। इस फिल्म के बाद उन्हें साउथ और हिंदी सिनेमा से जमकर ऑफर मिलने लगे थे।
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श्रीदेवी की दुनिया में फैन फॉलोइंग इतनी थी कि अफगानिस्तान में उनके लिए गोलियां चलनी बंद हो गई थी। दरअसल, श्रीदेवी और अमिताभ बच्चन स्टारर फिल्म ‘खुदा गवाह’ (1992) की शूटिंग अफगानिस्तान के कई हिस्सों में हुई थी।
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जिस वक्त इस फिल्म की शूटिंग हुई थी तब अफगानिस्तान में जंग के माहौल बने हुए थे, हर तरफ गोलीबारी हो रही थी और मिसाइल का इस्तेमाल होना भी आम था। इन सबके डर से लोगों ने घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया था।
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अफगानिस्तान में ऐसा माहौल होते हुए भी वहां के राष्ट्रपति नजीबुल्लाह अहमदजई ने फिल्म की शूटिंग के लिए परमिशन दे दी थी। दरअसल नजीबुल्लाह भारतीय फिल्मों के बड़े फैन थे।
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जब श्रीदेवी और अमिताभ बच्चन शूटिंग के लिए अफगानिस्तान गए तो राष्ट्रपति नजीबुल्लाह ने वहां की आधी सेना सिर्फ दोनों की सिक्योरिटी में लगा दी थी।
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वहीं, जब फिल्म की शूटिंग होती तो उसे देखने के लिए अफगानिस्तान के लोगों की भीड़ जमा हुआ करती थी। कई बार तो ऐसा होता था की श्रीदेवी को देखने के लिए वहां गोलिया चलनी बंद हो जाती थीं। वहीं जब शूटिंग खत्म होती तो गोलीबारी फिर शुरू हो जाती।
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एक बार तो ऐसा भी हुआ कि अफगानी आतंकी कमांडर रॉकेट फायर करने ही वाला था, लेकिन श्रीदेवी को शूटिंग में कोई दिक्कत न हो, इसलिए उसने फायरिंग रोक दी। यही वजह है कि अफगानिस्तान के लोग श्रीदेवी को शांति का प्रतीक मानते हैं।
(Photos Source: @sridevi.kapoor/instagram)
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