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मंबई में आयोजित हुए एक फंक्शन में कोलकाता के समर्पण मैती को मिस्टर गे वर्ल्ड इंडिया 2018(एमजीडब्ल्यूआई) चुना गया है। समर्पण एक मिडिल क्लास फैमली से हैं। जब वो 19 साल के थे तब ही उनके पिता चल बसे। इसके बाद उनके एक दोस्त ने पूरे परिवार की जिम्मेदारी संभाली। समपर्ण कोलकाता के एक इंस्टीट्यूट में कैंसर की दवाई पर रिसर्च कर रहे हैं। मिस्टर गे वर्ल्ड इंडिया 2018 में करीब 50 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिसमें सभी दूसरे प्रतिभागियों को हराते हुए समर्पण ने ये खिताब अपने नाम किया। इस प्रतियोगिता में सभी 50 प्रतिभागियों में से फोटोशूट, लिखित परीक्षा, चर्चा और इंटरव्यू के आधार पर पहले पांच प्रतिभागी छांटे गए। जिनमें फिर फाइल राउंड प्रतियोगिता हुई। अब समर्पण दक्षिण अफ्रीका में आयोजित होने जा रहे मिस्टर वर्ल्ड गे कॉम्पिटिशन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। (सभी पिक्चर्स- सोशल मीडिया)
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साल 2014 के मिस्टर गे वर्ल्ड इंडिया के विजेता सुशांत दिवगीकर की देखरेख में ये प्रतियोगिता शनिवार रात मुंबई के होटल में आयोजित की गई थी।
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समर्पण ने बताया कि उन्हें गे होने के कारण हमेशा समाज से अजीब तरह का व्यवहार देखने को मिला।
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वहीं इस प्रतियोगिता में दूसरे नंबर पर आने वाले आशीष चोपड़ा सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो में जॉब करते हैं।
टाइटल जीतने के बाद समर्पण और आशीष ने उम्मीद जताई है कि एलजीबीटी समुदाय को भी जल्द उनके अधिकार मिलेंगे और समाज में इस समुदाय को लेकर सोच में बदलाव आएगा। -
समर्पण थिएटर में भी काम करते हैं।
