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कॉमेडियन राजीव ठाकुर ने कपिल शर्मा और चंदन प्रभाकर के साथ ही अमृतसर में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने बचपन के दिनों को बेहद गरीबी में बिताए पलों को याद किया। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वो अपने भाई-बहनों के साथ 50 ग्राम अमूल बटर खाना भी उनके लिए बड़ी लग्जरी था। (rajivthakur007/Insta
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उन्होंने बताया कि इसी कमी के चलते, आजकल वे हर खाने में ज्यादा बटर मांगते हैं। वो अपने बेडरूम की सभी लाइटें जला देते हैं, हालांकि उन्हें पता है कि धीमी रोशनी ज्यादा सुंदर लगती है, लेकिन वो ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि वे ऐसे घर में पले-बढ़े हैं जहां सिर्फ एक 40 वाट का बल्ब जलता था। (rajivthakur007/Insta
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हिंदी रश को दिए एक इंटरव्यू में, राजीव ने उन कठिन परिस्थितियों को याद किया जिनमें वे रहते थे और उनका उन पर क्या प्रभाव पड़ा। (rajivthakur007/Insta
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हिंदी रश को दिए एक इंटरव्यू में, राजीव ने उन कठिन परिस्थितियों को याद किया जिनमें वे रहते थे और उनका उन पर क्या प्रभाव पड़ा। राजीव ने कहा, “मैंने बहुत ज्यादा गरीबी देखी है। हम पांचों एक तंग कमरे में रहते थे, वही हमारा बेडरूम था, ड्राइंग रूम था यहां तक कि हमारा बाथरूम और किचन भी। सर्दियों में, हम दीवारों के वेंटिलेशन छेदों को पुराने अखबारों से ढक देते थे और वो भी बेकार अखबारों से। अमूल मक्खन एक लग्जरी था।”(rajivthakur007/Insta
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उन्होंने बताया कि उनके पिता 50 ग्राम मक्खन खरीदते थे, जिसे वो सबके साथ बांटते थे। “हमारे माता-पिता के पास बिल्कुल नहीं था। हम तीनों को ये बहुत पसंद था। हम और चाहते थे, लेकिन मिला नहीं। अब, जब भी मैं अमृतसर जाता हूं, तो अपने खाने में हमेशा ज्यादा मक्खन मांगता हूं।” (rajivthakur007/Insta
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अपने स्कूल की प्रिंसिपल की दयालुता को याद करते हुए। उन्होंने बताया कि वो उन्हें और उनके भाई-बहनों को आधी फीस में दाखिला देने के लिए राजी हो गईं, और बदले में उनकी मां उनके लिए कुछ सिलाई का काम करती थीं। (rajivthakur007/Insta
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कभी-कभी, राजीव अपनी प्रिंसिपल के घर कपड़े लेने और छोड़ने जाते थे। “तभी मैंने पहली बार ट्यूबलाइट देखी, क्योंकि हमारे घर में सिर्फ़ एक 40 वाट का बल्ब था। हम उसी बल्ब के नीचे पढ़ाई करते थे और सोचते थे कि हमारी आंखें क्यों दुख रही हैं।” (rajivthakur007/Insta
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उन्होंने बताया कि वह आज भी अपने बेडरूम की सारी लाइटें जला देते हैं क्योंकि अंधेरा उन्हें बचपन की गरीबी की याद दिलाता है। राजीव कपिल शर्मा और चंदन प्रभाकर के साथ एंटरटेनर के रूप में करियर बनाने मुंबई चले गए। (rajivthakur007/Insta
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दोस्तकास्ट पॉडकास्ट से खास बातचीत में राजीव ने कहा था, “अगर मैं किसी दोस्त के लिए परफॉर्म करता हूं, तो मैं मुफ्त में शो कर सकता हूं या अपनी तनख्वाह में कटौती कर सकता हूं, लेकिन मैं बिजनेस क्लास के टिकट और ठहरने के लिए सुइट पर समझौता नहीं करूंगा। वो अनुभव मेरे लिए पैसों से ज्याजा कीमती है।” (rajivthakur007/Insta
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