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दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन, महाकुंभ मेला 2025, प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो चुका है। यह 26 फरवरी तक चलेगा और इस दौरान करोड़ों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर आस्था और विश्वास का परिचय देंगे। कुंभ मेले का जिक्र न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए होता है, बल्कि यह वर्षों से भारतीय सिनेमा का भी एक अहम हिस्सा रहा है। (Photo: PTI)
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कुंभ मेले का नाम सुनते ही हमारे जहन में हिंदी सिनेमा की अनगिनत कहानियां और प्रसिद्ध डायलॉग्स गूंज उठते हैं। खासकर “कुंभ के मेले में बिछड़े भाई” जैसी कहानियां, जो भारतीय सिनेमा के सुनहरे दौर में एक लोकप्रिय ट्रेंड बन गईं। (Photo: PTI)
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कई फिल्मों ने कुंभ मेले को अपने कथानक का केंद्र बनाया है, इस लिस्ट में – तकदीर (1943), अधिकार (1954), मेला (1971), धर्मात्मा (1975), दो अनजाने (1976), अमर अकबर एंथनी (1977), अंदाज अपना-अपना (1994), सोल्जर (1998), तुझे मेरी कसम (2003) और लक्ष्मी बॉम्ब (2020) आदि फिल्में शामिल हैं। आइए जानते हैं इन फिल्मों और उनके कुछ डायलॉग्स के बारे में, जिनमें कुंभ मेले का जिक्र किया गया है। (Photo: PTI)
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तकदीर (1943)
यह फिल्म उन शुरुआती फिल्मों में से है, जिसमें कुंभ मेले की कहानी को पिरोया गया। इस फिल्म में बद्रीप्रसाद के बेटे पप्पू और जज जुमना प्रसाद की बेटी श्यामा कुंभ मेले में बिछड़ जाते हैं। फिल्म की कहानी इन्हीं घटनाओं के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में इन दोनों के खोने और फिर एक-दूसरे को ढूंढने की कहानी दिखाई गई है। (Photo: Express Archive) -
धर्मात्मा (1975)
रेखा और हेमा मालिनी की फिल्म ‘धर्मात्मा’ में कुंभ मेले का एक भावुक सीन है। फिल्म में एक परिवार मेले में बिछड़ जाता है और यही दृश्य दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि कुंभ मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यहां हर कोई अपनी किस्मत का सौदा करने के लिए आता है। फिल्म का डायलॉग, “यह मेला तो बस नाम है, यहां हर कोई अपनी किस्मत का सौदा करने आया है,” दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देता है। (Photo: Express Archive) -
अमर अकबर एंथनी (1977)
अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना और ऋषि कपूर की इस सुपरहिट फिल्म की कहानी कुंभ मेले से शुरू होती है, जहां तीन भाई बिछड़ जाते हैं। फिल्म का प्रसिद्ध डायलॉग, “कुंभ के मेले में बिछड़े तीन भाई… अब मिलेंगे या नहीं?” आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है। यह डायलॉग कुंभ मेले के बड़े पटल पर रिश्तों के टूटने और जुड़ने को दर्शाता है। (Photo: Express Archive) -
सोल्जर (1998)
बॉबी देओल और जॉनी लीवर की फिल्म ‘सोल्जर’ में भी कुंभ मेले का एक मजेदार सीन है। फिल्म में जॉनी लीवर का डायलॉग, “कुंभ के मेले में मेरा भाई सोहन बिछड़ गया था,” दर्शकों को हंसाने के साथ-साथ मेले की याद दिलाता है। (Photo: Express Archive) -
तुझे मेरी कसम (2003)
रितेश देशमुख और जिमी शेरगिल की फिल्म ‘तुझे मेरी कसम’ में कुंभ मेले का जिक्र हल्के-फुल्के अंदाज में किया गया है। फिल्म का डायलॉग: “कहीं कुंभ के मेले में तो नहीं बिछड़ गए थे? ऐसे अजनबी से क्यों लगते हो?” इस डायलॉग ने दर्शकों को काफी हंसाया और कुंभ मेले की याद दिलाई है। (Photo: Express Archive) -
लक्ष्मी बॉम्ब (2020)
अक्षय कुमार की फिल्म ‘लक्ष्मी बॉम्ब’ में भी कुंभ मेले का जिक्र किया गया है। फिल्म का डायलॉग, “कुंभ के मेले में जो खो गया, उसे फिर से ढूंढ पाना मुश्किल है, लेकिन यादें, वो हमेशा साथ रहती हैं,” दर्शकों को दिलों को छूने वाला संदेश देता है। (Still From Film)
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