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हमलावरों ने बुधवार सुबह यहां व्यस्त एमजी रोड पर सेंट्रल मॉल के बाहर एक एसयूवी पर गोलीबारी की जिसमें एक संदिग्ध गैंगस्टर राकेश सवार था। गोलीबारी से एसयूवी एक ऑटोरिक्शा पर पलट गई जिससे ऑटोरिक्शा के ड्राइवर की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि एसयूवी का ड्राइवर गंभीर रूप से जख्मी हो गया। यह घटना पूर्वाह्न 11 बजे की है। राकेश इफ्को चौक से मेहरौली जा रहा था तभी हमलावरों ने उसकी कार पर अंधाधुंध गोलियां चलार्इं। हमले में राकेश को कोई चोट नहीं आई। राकेश का नाम कई अपराधों में दर्ज है। वह हाल ही में जमानत पर रिहा हुआ था।
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गांव हयातपुर में लंबे समय से शांत पड़ा गैंगवार बुधवार को फिर से शुरू होता दिखा। गैंगस्टर राकेश बेवरले पार्क-1 में किराए पर फ्लैट लेकर रहता है। बुधवार सुबह उसे अपने केस की सुनवाई के कारण जिला अदालत जाना था। वह अपनी कार से इफको चौक की ओर निकला। कार में राकेश का चचेरा भाई हेतराम भी था और चालक हंसराज कार चला रहा था। करीब सौ मीटर चलने के बाद टाइम टावर बिल्डिंग के पास इन्हें चार-पांच हथियारबंद लोग दिखे। तभी कार रुकवाकर राकेश व हेतराम टाइम टावर बिल्डिंग में जान बचाने के लिए भागे। चालक हंसराज भी बचने के लिए कार को भगाने लगा। इसी दौरान बदमाशों ने कार पर गोली चलाई जिससे हंसराज को गोली लगी और कार असंतुलित होकर डिवाइडर पर चढ़कर सड़क की दूसरी ओर सेंट्रल मॉल के बाहर खड़े ऑटो पर जाकर गिर गई। बदमाशों ने इस ओर भागकर कार पर और गोलियां चलार्इं।
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इस दौरान एक टोयोटा इटियोज लिवा कार भी टक्कर लगने से पलटी और एक अन्य सीएनजी आटो भी क्षतिग्रस्त हुआ। सीएनजी आटो में सवार चालक की मौके पर ही मौत हो गई। वारदात के बाद हमलावर यूपी नंबर की सेंट्रो कार पर सवार होकर भाग गए। स्थानीय लोगों की मदद से राकेश व हेतराम अपने चालक हंसराज को लेकर पास के निजी अस्पताल पहुंचे जहां से उन्हें आर्टेमिस अस्पताल भेज दिया गया। अन्य घायलों को भी पुलिस व स्थानीय लोगों की मदद से अलग-अलग अस्पतालों में पहुंचाया गया। सूचना मिलते ही सेक्टर-29 थाना, डीएलएफ फेज दो थाना पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीमें मौके पर पहुंचीं। पुलिस ने मौके से भरी हुई मैगजीन और गोली के करीब आधा दर्जन खाली खोल बरामद किए।
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चालक हंसराज को गोली सिर में गोली लगी है। वहीं कार के नीचे दबे आटो चालक की मौत भी सिर में गोली लगने से हुई है। पुलिस मान रही है कि बदमाश जब कार पर गोलियां बरसा रहे थे उसी दौरान आटो चालक को भी गोली लगी। गांव हयातपुर निवासी गैंगस्टर राकेश और सरपंच राकेश दोनों अच्छे दोस्त थे। दोनों साथ में कारोबार करते थे। कुछ विवाद के कारण अलग हो गए। विवाद बढ़ता गया और आरोप है कि रंजिश के कारण ही 23 जून 2011 को गैंगस्टर राकेश ने सुपारी देकर सरपंच राकेश की हत्या करा दी। इसके बाद से ही गैंगस्टर राकेश सरपंच के परिवार पर लगातार हमले करा रहा है। ग्रामीणों ने एक हमलावर को पकड़कर जिंदा जलाकर मार डाला था। इसके बाद काफी विरोध प्रदर्शन व पथराव भी हुए थे।