हरियाणा के बल्लभगढ़ में दलित परिवार को मंगलवार तड़के सोते में जिंदा जला डालने की वारदात में दो बच्चों की मौत हो गई जबकि उनके माता-पिता गंभीर रूप से झुलस गए। इस घटना पर शिवसेना ने भाजपा को आड़े हाथों लिया है। पार्टी के नेता संजय राउत ने बुधवार को कहा,' अब मैं बीजेपी के केंद्रीय नेताओं के बयान का इंतजार कर रहा हूं। टॉलरेंस, जिस बारे में कल मैंने बड़े-बड़े नेताओं की बात सुनी है, हम भी उस पर विचार कर रहे हैं। लेकिन हरियाणा में भी जो हो रहा है वो भी कोई टॉलरेंस का और सामाजिक न्याय का प्रकार नहीं है।' बता दें कि मंगलवार को अरुण जेटली ने शिवसेना को तोड़फोड़ से बचने की सलाह दी थी। बल्लभगढ़ की घटना के सिलसिले में पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। इस परिवार को पुलिस सुरक्षा मिली हुई थी। हादसे के समय घर के पास में ही जागरण चल हो रहा था। परिवार की सुरक्षा में तैनात पुलिसवाले आग में झुलसे परिवार को अस्पताल में लेकर पहुंचे। दलित परिवार के साथ हुए दर्दनाक हादसे के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पीड़ित परिवार को दस लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का एलान किया है। साथ ही घायलों के इलाज का खर्च भी सरकार उठाएगी। (फोटो: ओयनम आनंद) -
पुलिस के अनुसार, यह वारदात दिल्ली के बाहरी इलाके के सुनपेड़ गांव में मंगलवार तड़के दो बजे हुई। हमलावरों द्वारा कथित रूप से घर पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगाए जाने के बाद ढाई साल के वैभव और उसकी 11 महीने की बहन दिव्या की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। उनकी मां रेखा 70 फीसद जल गई हैं, जिन्हें इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया है जबकि उनके पिता जितेन्द्र भी परिवार को बचाने की कोशिश में झुलस गए। (फोटो: ओयनम आनंद)
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जितेन्द्र सिंह ने आरोप लगाया कि हमलावर राजपूत जाति के थे और अक्तूबर में उनके साथ उसका झगड़ा हुआ था जिसके बाद एक मामला दर्ज कराया गया था। रोते हुए जितेन्द्र ने बताया, ‘जिस समय उन्होंने खिड़की में से पेट्रोल डाला हम सो रहे थे। मुझे पेट्रोल की गंध आई और मैंने अपनी पत्नी को जगाने की कोशिश की। लेकिन तब तक आग भड़क गई। मेरे बच्चे आग में जल गए। उसने कहा, ‘उन्होंने धमकी दी थी कि वे मेरे परिवार को खत्म कर देंगे…और यह कि मुझे कभी गांव नहीं लौटना चाहिए…मैं नहीं लौटूंगा लेकिन मुझे मेरे बच्चे लौटा दो’। (फोटो: भाषा)
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पुलिस ने मामले में पिता-पुत्र सहित 11 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज करके तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार देशराज नाम के व्यक्ति की शिकायत पर पुलिस ने गांव सुनपेड़ के रहने वाले बलवंत और उसके पुत्र धर्म सिंह सहित 11 लोगों के खिलाफ घर में आग लगाने व दो बच्चों की हत्या करने के आरोप में धारा 148, 149, 302, 323, 324 के तहत मामला दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। (फोटो: भाषा)
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हादसे के बाद से ही सवर्ण परिवार घरों में ताला लगा कर भूमिगत हो गए हैं। गांव में तनाव बना हुआ है और लोग सहमे हुए हैं। सुनपेड़ राजपूत और ठाकुर बहुल गांव है। 2500 लोगों की आबादी के इस गांव में पांच अक्तूबर 2014 को मोबाइल फोन के गुम होने के विवाद के चलते तीन ठाकुर नौजवानों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में गांव के दलित सरपंच सहित ग्यारह लोग निमका जेल में बंद हैं। इनमें से दो महिलाओं को जमानत मिल गई है। (फोटो: भाषा)
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गांव के नंबरदार राम शरण का कहना है कि गांव के पूर्व सरपंच बलवंत परिवार का जगमाल सरपंच के परिवार से मोबाइल फोन को लेकर झगड़ा हो गया था। इस झगड़े में भरपाल और इन्द्राज की दलितों ने चाकुओं से गोद कर हत्या कर दी थी और चार लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। बाद में इसमें से मोहन की अस्पताल में मौत हो गई थी। इस झगड़े में सरपंच जगमाल, वेद प्रकाश, दलबीर, अमित, पवन, सत्येन्द्र, लखन और दो महिलाएं लज्जा व सन्तोष को अदालत ने न्यायिक हिरासत में निमका जेल भेज दिया था। बाद में लज्जा और सन्तोष को जमानत मिल गई थी। बाकी अभी भी जेल में बंद हैं। (फोटो: भाषा)
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हरियाणा सरकार द्वारा पीड़ित परिवार को दस लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने का भी ऐलान किया गया है। हरियाणा पुलिस ने घटना की जांच के लिए विशेष दल गठित किए हैं। मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और मामले में तेज जांच कराने का आश्वासन दिया। खट्टर ने कहा, ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। मेरी पूरी संवेदना पीड़ित परिवार के साथ है’। पुलिस महानिदेशक यशपाल सिंघल ने बताया, ‘हमने घटना की जांच के लिए विशेष दल गठित किए हैं’। (फोटो: भाषा)
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एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री और डीजीपी दोनों ने कहा कि इस नृशंस वारदात के पीछे पुरानी रंजिश हो सकती है हालांकि हर कोण से व्यापक जांच करवाई जा रही है। डीजीपी सिंघल ने कहा, ‘प्रारंभिक जांच के अनुसार 6 अक्तूबर 2014 को इसी गांव में तीन राजपूतों की हत्या हुई थी जिसमें 11 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई…पुलिस मामले की जांच सभी कोणों से कर रही है’। (फोटो: भाषा)
इस बीच घटनास्थल का दौरा करने और पीड़ित परिवार से मुलाकात करने के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पूनिया ने कहा – मंगलवार को मैंने यहां आयोग के सदस्य ईश्वर सिंह के साथ गांव का दौरा किया। यहां पुलिस प्रशासन की ओर से घोर लापरवाही बरती गई है। हमने 26 अक्तूबर को पुलिस आयुक्त और जिले के उपायुक्त को कार्रवाई रिपोर्ट के साथ तलब किया है। (फोटो: भाषा) -
पूनिया के मुताबिक, दोनों पक्षों में विवाद का इतिहास है। इस मामले के संज्ञान में आने के बाद हमने इसी जनवरी महीने में पुलिस उपायुक्त (बल्लभगढ़) से इस दलित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कहा था। उन्होंने इसका आश्वासन भी दिया था। मंगलवार को हमने यही सवाल किया कि जब पुलिस सुरक्षा थी तो यह घटना कैसे हो गई। पुलिस प्रशासन ने बताया कि ड्यूटी पर तैनात सात पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। हमारा कहना है कि थाना प्रभारी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। आयोग के अध्यक्ष ने हरियाणा सरकार से आग्रह किया कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दी जाए। (फोटो: भाषा)
इस बीच, इस दुखद घटना से चिंतित गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से टेलीफोन पर बात की और कहा कि हर किसी के लिए सुरक्षा सुनिश्चित कराई जानी चाहिए व इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। गृह मंत्रालय ने राज्य प्रशासन से रिपोर्ट भी मांगी है। उधर इस घटना का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने मंगलवार को आश्वासन दिया कि हमले में घायल पीड़ितों के अभिभावकों को सभी आवश्यक सहायता मुहैया कराई जाएगी। (फोटो: भाषा)
