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नीतू कपूर का जन्म दिल्ली के एक सिख परिवार में हुआ। एक्ट्रेस का असली नाम हरनीत कौर है। बाद में उनके माता-पिता मुंबई शिफ्ट हो गए। मुंबई शिफ्ट होने कुछ समय बाद ही उनके पिता की मृत्यु हो गई।
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पिता की मौत जब हुई तब नीतू कपूर काफी छोटी थीं। ऐसे में महज 8 वर्ष की उम्र में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट कदम रखा।
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नीतू कपूरी की पहली फिल्म ‘सूरज’ (बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट) थी। इस फिल्म के डायरेक्टर टी प्रकाश राव थे और उन्हें नीतू कपूर का नाम वैजयंतीमाला ने सजेस्ट किया था। यानी बॉलीवुड में नीतू कपूर को एंट्री दिलाने वाली वैजयंतीमाला हैं।
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‘सूरज’ के बाद नीतू कपूर ‘दस लाख’ फिल्म में काम किया लेकिन असली पहचान उन्हें ‘दो कलियां’ से मिली। इस फिल्म में उनके डबल रोल को लोगों ने खूब पसंद किया था। फिल्म का सॉन्ग ‘बच्चे मन के सच्चे’ उस दौर में सुपरहिट हुआ था। इस गाने को आज भी लोग गुनगुनाते हैं।
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बतौर लीड एक्ट्रेस नीतू कपूर को ब्रेक वर्ष 1973 में आई फिल्म ‘रिक्शावाला’ से मिला था। फिल्म में उनके अपोजिट ऋषि कपूर के बड़े भाई रणधीर कपूर थे। ये फिल्म तो फ्लॉप हो गई थी लेकिन दर्शकों को नीतू कपूर की एक्टिंग खूब पसंद आई।
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इसके बाद नीतू कपूर ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा और हिंदी सिनेमा में अपनी एक्टिंग की एक अलग ही छाप छोड़ी।
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नीतू कपूर और दिवंगत अभिनेता ऋषि कपूर ने कई फिल्मों में एक साथ काम किया। इसी दौरान दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और करीब 5 साल तक एक दूसरे को डेट करने के बाद 1980 में ये सितारें शादी के बंधन में बंध गए थे।
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शादी के बाद नीतू कपूर ने फिल्म इंडस्ट्री से दूरी बना ली थी और करीब 25 साल बाद उन्होंने साल 2007 में आई फिल्म ‘लव आज कल’ से एक्टिंग की दुनिया में कमबैक किया था।
