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राष्ट्र ने अपने ‘अनमोन रत्न’ पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम को भावनात्मक विदाई दी। जहां हजारों की संख्या में मौजूद लोग अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पा रहे थे और उनकी आंखों से आंसुओं की धार उनके दुख को बयां कर रही थी। पूर्व राष्ट्रपति को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके गृह नगर में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस दौरान वहां उपस्थित लोग लगातार ‘भारत माता की जय’ का उद्घोष करते रहे। (फोटो: भाषा)
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कलाम के पार्थिव शरीर को यहां पेईकारूंबू में करीब डेढ़ एकड़ में फैले जमीन के टुकड़े के मध्य में दफनाया गया। इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को मस्जिद में लाया गया जहां नमाजÞ ए जनाजÞा पढ़ी गई। कलाम को पूरा सैन्य सम्मान प्रदान किया गया। पूर्व राष्ट्रपति के परिवार के सदस्यों और स्थानीय जमात ने जैसे ही उनके पार्थिव शरीर को कब्र में रखा, चारों ओर ‘भारत माता की जय’ का घोष गूंज उठा। (फोटो स्रोत: ट्विटर)
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‘मिसाइल मैन’ के रूप में विख्यात डा कलाम के अंतिम संस्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विभिन्न दलों के नेता शामिल हुए। तिरंगे में लिपटे डा. कलाम के पार्थिव शरीर पर प्रधानमंत्री ने पुष्पांजलि अर्पित की और कुछ देर खडेÞ रह कर उन्हें अंतिम सलाम किया। उन्होंने हाथ जोड़ कर ताबूत के चारों ओर चक्कर लगाया। प्रधानमंत्री इसके बाद में कलाम के बड़े भाई 99 वर्षीय मोहम्मद मिरन लेब्बई माराइकर के पास गए और संवेदना प्रकट की। (फोटो: भाषा)
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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी डा. कलाम को अंतिम विदाई दी। पूर्व राष्ट्रपति को अंतिम विदाई देने वालों में तमिलनाडु के राज्यपाल के रोसैया, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर, उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी एम वेंकैया नायडू और तमिलनाडु के वित्त मंत्री ओ पनीरसेल्वम समेत अन्य नेता शामिल हैं। (फोटो: भाषा)
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कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के अलावा कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने भी डा. कलाम को श्रद्धांजलि अर्पित की। सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों ने भी अपने पूर्व सुप्रीम कमांडर के प्रति सम्मान प्रकट किया और उन्हें अंतिम विदाई दी। अपनी सादगी और सदाशयता के लिए विख्यात डा कलाम के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए देश विदेश से काफी संख्या में लोगों ने शोक जताया। (फोटो: भाषा)
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कलाम के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में गणमान्य लोगों की उपस्थिति को देखते हुए नौसेना, तटरक्षक और मरीन पुलिस कर्मियों को नगर के आसपास समुद्री क्षेत्र में तैनात किया गया। काफी संख्या में शोकाकुल लोग अंतिम संस्कार के स्थल के आसपास घरों की छतों और पेड़ पर चढ़ कर अपने दिवंगत नेता की एक झलक देखने को आतुर थे। डा. कलाम में अपनी स्कूली शिक्षा यहीं से पूरी की थी। नगर निगम अधिकारियों ने अंतिम संस्कार वाले स्थल तक आवागमन और वीआइपी आवाजाही के लिए विशेष संपर्क सड़क का निर्माण किया। (फोटो स्रोत: ट्विटर)
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तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता स्वास्थ्य कारणों से अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सकीं। तमिलनाडु सरकार का प्रतिनिधित्व पनीरसेल्वम समेत अन्य वरिष्ठ मंत्रियों ने किया। तमिलनाडु सरकार ने आज सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की थी। मोदी विशेष हेलिकॉप्टर से मंडपम आए और वहां से कड़ी सुरक्षा में बुलेटप्रूफ कार में रामेश्वरम पहुंचे। पूर्व राष्ट्रपति को अंतिम विदाई देने पंजाब, पश्चिम बंगाल समेत देश के विभिन्न स्थानों से लोग आए थे जिससे सहज ही उनकी लोकप्रियता का अंदाज लगाया जा सकता है। (फोटो स्रोत: ट्विटर)
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लोग अपने हाथों में तिरंगा और पूर्व राष्ट्रपति के चित्र लिए हुए उनकी अंतिम यात्रा में शरीक हुए। लोग बसों, ट्रेनों, नौकाओं और विभिन्न सवारियों से यहां आए थे और यहां तक कि काफी लोगों ने पूर्व राष्ट्रपति के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए रात सड़कों पर गुजारी। तमिलनाडु में डा कलाम के सम्मान में कारोबारी संस्थान और होटल बंद रहे। (फोटो: भाषा)
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कलाम का अंतिम संस्कार मौलवी एसएम अब्दुल रहमान ने किया। नमाज-ए-जनाजा के बाद डा. कलाम को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। नकी कब्र पर गुलाब की पंखुड़ियां डाली गईं। इस दौरान कलाम के 99 वर्षीय बड़े भाई अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए जो दूर से पूर्व राष्ट्रपति के अंतिम संस्कार को होता देख रहे थे। काफी उम्र होने के कारण वह कुर्सी पर बैठे हुए थे। (फोटो: भाषा)
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रामकृष्ण मठ सहित कई संगठनों ने यहां आए लोगों के लिए खाने पीने की व्यवस्था की थी। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के छात्रों ने अपने प्रिय पूर्व राष्ट्रपति के सम्मान में शांतिपूर्ण मार्च निकाली। उन्होंने मोमबत्ती जला कर प्रार्थना की और पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। (फोटो: भाषा)