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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कुल 243 सीटों पर मतदान हुआ। मतदान में इस बार रिकॉर्ड 67.13% वोटिंग देखने को मिली है और अब सभी की निगाहें नतीजों पर टिकी हैं। बिहार की राजनीति हमेशा से ही उतार-चढ़ाव, सत्ता संघर्ष, जातीय समीकरण और अप्रत्याशित ‘खेला’ के लिए जानी जाती रही है। यही वजह है कि इस राज्य की पॉलिटिक्स पर लोगों की दिलचस्पी बनी रहती है। (Still From Web Series)
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सिनेमा और ओटीटी भी इससे अछूते नहीं रहे। कई वेब सीरीज ने बिहार की जमीनी राजनीति, अपराध, गिरोह, पुलिस, बाहुबली संस्कृति और जातीय समीकरणों को बेहद असली अंदाज में पर्दे पर उतारा है। यहां पेश हैं ऐसी 8 वेब सीरीज, जो आपको बिहार का पूरा पॉलिटिकल ड्रामा करीब से समझा देंगी:
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खाकी: द बिहार चैप्टर (Khakee: The Bihar Chapter)
नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध यह सीरीज 2000 के दशक की शुरुआत में बिहार के अपराध जगत की भयावह तस्वीर दिखाती है। कहानी एक ईमानदार आईपीएस ऑफिसर और शेखपुरा के एक खूंखार गैंगस्टर के बीच संघर्ष पर आधारित है। करण टैकर और अविनाश तिवारी के दमदार अभिनय के साथ यह सीरीज बताती है कि कैसे अपराध, राजनीति और जाति ने मिलकर बिहार की कानून व्यवस्था को लंबे समय तक प्रभावित किया। यह एक रियल-लाइफ इंस्पायर्ड क्राइम ड्रामा है। (Still From Web Series) -
महारानी (Maharani)
सोनी लिव की इस हिट सीरीज में हुमा कुरैशी एक गांव की गृहिणी रानी भारती के किरदार में हैं, जो अचानक बिहार की मुख्यमंत्री बन जाती हैं। यह कहानी बिहार की राजनीति में सत्ता संघर्ष, जातीय गठजोड़, भ्रष्टाचार और महिला नेतृत्व की चुनौतियों को उजागर करती है। हाल ही में इसका चौथा सीजन रिलीज हुआ है। यह सीरीज बिहार की राजनीतिक गलियारों की असल सच्चाई को बेहद प्रभावशाली तरीके से पेश करती है। (Still From Web Series) -
रक्तांचल (Raktanchal)
एमएक्स प्लेयर पर उपलब्ध रक्तांचल पूर्वांचल और बिहार की मिलीजुली राजनीति को दर्शाती है। 1980 के दशक की सच्ची घटनाओं पर आधारित इस सीरीज में टेंडर माफिया, बाहुबली नेताओं और अपराधियों के गठजोड़ को दिखाया गया है। यह वेब सीरीज साबित करती है कि कैसे राजनीति और अपराध कई दशकों तक बिहार और आसपास के इलाकों में एक-दूसरे के पूरक रहे हैं। (Still From Web Series)
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दुपहिया (Dupahiya)
प्राइम वीडियो की यह कम चर्चित लेकिन दमदार सीरीज बिहार के गांवों की राजनीति पर आधारित है। एक स्थानीय नेता की महत्वाकांक्षाएं गांव में कैसे संघर्ष, अविश्वास और उथल-पुथल पैदा करती हैं, इसकी झलक इस कहानी में मिलती है। ग्रामीण बिहार की राजनीति और सामाजिक ताने-बाने को समझने के लिए यह सीरीज खास है। (Still From Web Series) -
रंगबाज: डर की राजनीति (Rangbaaz: Dar Ki Rajneeti)
रंगबाज का तीसरा सीजन बिहार की राजनीति, बाहुबल और डर की संस्कृति को सामने रखता है। विनीत कुमार सिंह एक गैंगस्टर से नेता बने व्यक्ति की भूमिका निभाते हैं। इस कहानी में दिखाया गया है कि कैसे अपराध और राजनीति का गठजोड़ छोटे शहरों की सत्ता को संचालित करता है। सीरीज 1990 के दौर के पूर्वी यूपी और बिहार के राजनैतिक-सामाजिक माहौल को बेहद यथार्थवादी ढंग से पेश करती है। (Still From Web Series) -
ग्रहण (Grahan)
डिज्नी+ हॉटस्टार की यह सीरीज सत्य व्यास के उपन्यास ‘चौरासी’ पर आधारित है। कहानी 1984 में बोकारो (तत्कालीन बिहार) में हुए सिख दंगों के इर्द-गिर्द घूमती है। वामिका गब्बी और पवन मल्होत्रा की एक्टिंग इस शो को अद्भुत गहराई देती है। दंगों, प्रशासन और राजनीति की भूमिका पर यह बेबाक और संवेदनशील नजर डालती है। (Still From Web Series) -
जामताड़ा (Jamtara)
नेटफ्लिक्स की यह हिट सीरीज भले ही ऑनलाइन फ्रॉड पर आधारित है, लेकिन इसकी गहराई में झारखंड-बिहार क्षेत्र की राजनीति भी शामिल है। कैसे छोटे गांवों में बैठे युवा देशभर के लोगों को फंसाते हैं, फिर कैसे पुलिस और बाद में नेता इस ‘धंधे’ में शामिल होते जाते हैं—शो इसे बेहद रोचक और वास्तविक रूप में दिखाता है। (Still From Web Series) -
मिर्जापुर (Mirzapur)
मिर्जापुर उत्तर प्रदेश पर आधारित है, लेकिन इसके कई प्लॉट बिहार की पॉलिटिक्स और गैंगवार से भी जुड़े हैं। कालीन भैया का साम्राज्य यूपी से लेकर बिहार तक फैला है। दूसरे और तीसरे सीजन में बिहार के गैंग, चुनावी राजनीति और दोनों राज्यों के अपराध जगत की खींचतान को दिखाया गया है। (Still From Web Series)
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