उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुई वारदात के बाद योगी आदित्यनाथ की सरकार माफियाओं के खिलाफ एक्शन में आ गई है। सरकार ने 700 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली है। डीजीपी एचसी अवस्थी ने कहा कि शराब माफियाओं के के अब दिन गिने हुए हैं। वे भाग जाएं या जेल जाने को तैयार रहें।

डीजीपी ने कहा कि यूपी के माफिया के खिलाफ पिछले काफी अर्से से अभियान चल रहा है। हमने इनकी 700 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की है। डीजीपी ने कहा कि कासगंज मामले को बहुत गंभीरता से लिया गया है। कासगंज में शराब माफिया के खिलाफ अभियान के तहत टीम कार्रवाई करने गई थी। जो ऐसा दुस्साहस कर रहे हैं उनको कानूनी प्रक्रिया के तहत कड़ी सजा दिलाएंगे। ध्यान रहे कि पुलिस पर शराब माफिया के हमले और सिपाही की मौत के बाद योगी सरकार और यूपी पुलिस की जमकर किरकिरी हो रही है।

ध्यान रहे कि कासगंज में सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के नगला धीमर गांव में मंगलवार की रात दरोगा अशोक पाल और सिपाही देवेंद्र पर शराब माफिया मोती और एलकार ने छह अन्‍य साथियों के साथ मिलकर हमला किया था। दरोगा को मरा हुआ समझकर वो काफी दूर तक घसीटकर ले गए। शराब माफिया के हमले में सिपाही देवेंद्र की मौत हो गई। जबकि दरोगा अशोक पाल गंभीर रूप से घायल हो गए। बदमाश दोनों के पिस्टल और कारतूस लूट ले गए। पुलिस ने केस दर्ज करके मोती और उसके भाई एलकार को नामजद किया था।

उसके बाद बुधवार को पुलिस ने मुठभेड़ में शराब माफिया मोती के भाई एलकार को ढेर कर दिया। पुलिस और शराब माफिया के बीच सुबह मुठभेड़ हुई। इसमें शराब माफिया मोती के भाई एलकार सिंह को गोली लगी और वह मारा गया। डीजीपी का कहना है कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करके शराब एक माफिया को मार गिराया। बाकियों की तलाश के लिए अभी छापेमारी की जा रही है। उनका दावा है कि पुलिस सिपाही देवेंद्र के हत्यारों को किसी सूरत में छोड़ने नहीं वाली। उन्हें कानून के तहत सजा दी जाएगी।