भारतीय रेसलर दीपक पूनिया का सफर गुरुवार को टोक्यो ओलंपिक के ब्रॉन्ज मेडल मैच में हारकर समाप्त हो गया था। उन्हें ब्रॉन्ज मेडल के मैच में सैन मैरिनो के नाजेम मायलेस एमिने ने मात दी थी। दीपक पूनिया के कोच मोराड गेड्रोव को ये हार हजम नहीं हुई और रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने रेफरी रूम में जाकर मैच के रेफरी से मारपीट कर दी। इस पर एक्शन लेते हुए कोच गेड्रोव को ओलंपिक खेल गांव से बाहर कर दिया गया है।

यहीं कोच गेड्रोव की मुश्किलें थमी नहीं। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने इस मामले की शिकायत इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) से की।

वहीं UWW ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) से भी इस मामले पर कार्रवाई करने की बात कही। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसके जवाब में भारतीय रेसलिंग फेडरेशन ने बताया कि दीपक पूनिया के कोच को टर्मिनेट कर दिया गया है।

IOC ने भी की कार्रवाई

इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी ने भी गेड्रोव पर इस मामले के बाद कार्रवाई की है। IOC ने गेड्रोव की मान्यता तुरंत खत्म कर दी है और इस बारे में भारत को भी सूचना दे दी है। इसके अलावा उन्हें तुरंत टोक्यो स्थित खेल गांव छोड़ने के लिए भी कहा गया है।


आपको बता दें इससे पहले भी मोराड गेड्रोव पर अनुशासनहीनता के कई आरोप लग चुके हैं। 2008 के बीजिंग ओलंपिक में जब वे खुल 74 किग्रा वर्ग में सिल्वर मेडल जीते थे तब भी उन्हें कड़ी चेतावनी दी गई थी। इससे पहले 2004 के एथेंस ओलंपिक में उन्हें विपक्षी खिलाड़ी के साथ मारपीट करने के आरोप में डिसक्वालीफाई किया गया था।

गौरतलब है कि गुरुवार को दीपक पूनिया ब्रॉन्ज मेडल मैच में सैन मैरिनो के नाजेम मायलेस एमिने से 4-2 से हारे थे। मुकाबले में 5 मिनट 40 सेकेंड तक भारतीय रेसलर 2-1 से आगे थे। इसके बाद नाजेम ने सिंगल लेग अटैक कर लीड बना ली थी। भारतीय दल ने इस फैसले को चैलेंज भी किया था जो उनके खिलाफ गया और विपक्षी पहलवान को एक अंक और मिल गया। परिणामस्वरूप दीपक का टोक्यो ओलंपिक में सफर खत्म हो गया।