गाजीपुर बॉर्डर के प्रदर्शन स्थल पर किसान नेता राकेश टिकैत एक बुजुर्ग को अपने कंधे पर उठाए दिखे। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों को गांवों से ही समर्थन करना चाहिए। इन बुजुर्ग को भी गांव में छोड़ा था, लेकिन फिर से आंदोलन में हिस्सा लेने आ गए। उनका कहना था कि इन्हें फिर से गांव भेजने के लिए कंधे पर उठाया है।

किसान नेता राकेश टिकैत ने इस दौरान टीवी चैनल से बात कहा कि शनिवार को होने वाला चक्का जाम सिर्फ गांवों में होगा। दिल्ली में इसका कुछ असर नहीं होगा। उधर, नए कृषि कानूनों के खिलाफ करीब ढाई माह से जारी आंदोलन के बीच शनिवार को किसान देश भर में चक्का जाम करेंगे। अनहोनी से बचने के लिए प्रशासन भी तैयारी में जुटा हुआ है।

टिकैत ने कहा कि जो लोग यहां नहीं आ पाए वो अपनी-अपनी जगहों पर कल शांतिपूर्ण तरीके से चक्का जाम करेंगे। टिकैत ने कहा कि कल यानी 6 फरवरी को सिर्फ 2 राज्यों उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर पूरे देश में चक्का जाम होगा।

दिल्ली पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चक्का जाम को लेकर किसी भी किसान नेता ने उनसे संपर्क नहीं किया है, लेकिन दिल्ली, यूपी और हरियाणा पुलिस इसको लेकर काफी गंभीर है। पुलिस का कहना है कि शनिवार होने के कारण हाईवे पर अच्छी खासी वाहनों की भीड़ होती है। 26 जनवरी की हिंसा से काफी लोग आंदोलन को लेकर गुस्सा भी हैं। ऐसे में पुलिस बेहद सतर्कता बरत रही है।

दिल्ली पुलिस पीआरओ ने कहा कि पूरे देश में कल किसानों का तीन घंटे का चक्का जाम होने वाला है। उसके मद्देनजर हमने दिल्ली की सभी बॉर्डर पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की है। हालांकि किसानों ने कहा कि वे दिल्ली में ऐसा कुछ नहीं कर रहे हैं लेकिन 26 जनवरी को जो हुआ उसके मद्देनजर हमने ऐसा किया है। ध्यान रहे कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों ने काफी हंगामा किया था। हालांकि, किसान नेता लगातार कह रहे हैं कि हुड़दंग करने वाले बीजेपी और सरकार की तरफ से भेजे गए गुंडे थे।