तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने घुटने की चोट के बाद नौ महीने खेल से दूर रहने को हताशा भरा ब्रेक करार दिया। आपरेशन के बाद एक महीने से अधिक समय तक बैसाखी के सहारे चलने वाले बंगाल के इस तेज गेंदबाज ने मंगलवार को कहा कि जब चोट लगी दो डाक्टरों ने मुझे दो महीने तक बिस्तर से भी उठने से मना कर दिया था। यह मेरे लिए सबसे मुश्किल समय था। मुझे सिर्फ बाथरू म तक जाने की इजाजत थी। उन्होंने कहा कि मैं खेल नहीं सकता था जो मुश्किल था। जब टीम बांग्लादेश गई तो मैं उससे मिलने गया और तब मैंने महसूस किया कि मै इस दुनिया में वापस आ गया हू। यह समय भी काफी मुश्किल था।

शमी ने हाल में घरेलू क्रिकेट में वापसी की और साबित किया कि उन्होंने फार्म और फिटनेस हासिल कर ली है। उन्होंने कहा कि लय वापस हासिल करने के लिए मेरा विजय हजारे और मुश्ताक अली ट्राफी में खेलना महत्त्वपूर्ण था। मैं दौरे से पहले चार से पांच मैच खेलना चाहता था।

बल्लेबाज मनीष पांडे ने कहा कि यह उनके पास एकदिवसीय प्रारू प में खुद को साबित करने का मौका है। उन्होंने कहा कि हाल में मैंने एकदिवसीय क्रिकेट में अपने प्रदर्शन में सुधार किया है। घरेलू सर्किट में पिछले कुछ मैच अच्छे रहे। शायद टी20 बल्लेबाज के रू प में शाट खेलने की मेरी छवि बनी है। मेरे पास एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खुद को साबित करने का मौका है। पांडे ने कहा कि मुझे जिस भी क्रम पर बल्लेबाजी करने का मौका मिले मैं अपने प्रदर्शन में निरंतरता लाने की कोशिश करूंगा।