अफगानिस्तान में तालिबान शासन आने के बाद से हाहाकार मचा हुआ है। हजारों की संख्या में लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं। लोग बड़ी संख्या में काबुल एयरपोर्ट पर जमा हो रहे हैं। अफगानिस्तान में पिछले कुछ सप्ताह के भीतर ही तालिबान ने कब्जा कर लिया और 14 अगस्त को राजधानी काबुल पर आधिपत्य जमा लिया। इस बीच हजारों लोग हवाई अड्डे पर एकत्रित हैं और देश से बाहर निकलने की कोशिश में लगे हैं।
गुरुवार शाम अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की तरफ से बयान आया कि काबुल एयरपोर्ट अभी भी सुरक्षित है और वहां से विमान उड़ान भर रहे हैं। मेजर जनरल विलियम हैंक टेलर ने पेंटागन की ओर से कहा कि काबुल में अभी भी अमेरिकी सेना के 5200 से ज्यादा सैनिक मौजूद हैं और उन्होंने परिसर को अपने नियंत्रण में रखा है।
उन्होंने बताया, 14 अगस्त से शुरू की गई एयरलिफ्ट प्रक्रिया में अब तक करीब 7000 लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला जा चुका है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जुलाई के महीने से ही अमेरिका ने विशेष अप्रवासी वीजा देना शुरू किया था। जिससे अब तक करीब 12000 लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने में मदद मिली है।
पिछले साल अमेरिका और तालिबान के मध्य हुए समझौते के बाद अमेरिकी सैनिकों के वापसी की डेडलाइन भी 31 अगस्त को ख़त्म हो रही है। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि अगर डेडलाइन ख़त्म होने के बाद भी अमेरिकी सैनिकों को अफगानिस्तान में रखना पड़ा तो जरुर रखा जाएगा।
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अमेरिकी और संकटग्रस्त अफगानी नागरिकों को निकालने में अमेरिका अपनी पूरी शक्ति लगाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब तक अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी लोगों को नहीं निकाल लिया जाता है तबतक अमेरिकी सेना वहां मौजूद रहेगी चाहे डेडलाइन ख़त्म क्यों ना हो जाए। गौरतलब है कि तालिबानी शासन वाले अफगानिस्तान में अभी भी करीब 15000 से ज्यादा अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं।
