PM नरेंद्र मोदी की सरकार के आम बजट पर टीवी जगत पूरी तरह से बंटा हुआ दिखा। India TV के रजत शर्मा ने कहा कि बजट निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था को गति देगा तो NDTV के रवीश कुमार ने कहा- बेच दो, बेच दो, बेच दो। उधर, रिपब्लिक टीवी अर्नब गोस्वामी ने मोदी और निर्मला सीतारमण की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि यह गरीबों और किसानों के कल्याण का बजट है।
रवीश कुमार ने NDTV पर अपने prime time शो में कहा कि अलंकारों और विशेषणों से सजाकर बजट ऐसे पेश किया गया है कि पिछली बार बजट को शानदार बताने वाले इस बार भी इसकी तारीफों के पुल बांध रहे हैं। यह भूल गए कि माइनस जीडीपी वाला बजट पॉजिटिव कैसे हो सकता है। इसमें सरकारी कंपनियों के निजीकरण की तेज तैयारी है। विनिवेश की बेहद तेजी दिखाई देती है। सरकार ने मजबूती के साथ अपने संसाधनों को बेचने का प्रस्ताव रखे हैं।
रवीश का कहना है कि पिछले साल भी सरकार ने विनिवेश के लिए 2.1 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन मिले सिर्फ 15 हजार करोड़। दो सरकारी बैंकों के निजीकरण के साथ एलआईसी के आईपीओ की तैयारी है, लेकिन क्या इससे गरीबों का भला होगा यह बड़ा सवाल है। उनका कहना है कि बजट लिखने वालों का कौशल कमाल का होता है। वित्त मंत्री कहती हैं कि हमने खर्च किया-खर्च किया, लेकिन बजट देखने के बाद पता चलता है कि हमने बेच दिया-हमने बेच दिया।
India TV के रजत शर्मा ने कहा कि यह एक पॉजिटिव बजट है और इसमें कोई निगेटिविटी नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो सोचा वह निर्मला सीतारामन ने इंम्पलीमेंट किया। आम आदमी पर कोई नया बोझ नहीं डाला। सरकार ने अपनी इनकम के नए रास्ते खोजे, रोजगार के ज्यादा अवसर बनाए, ‘वोकल फॉर लोकल’ को ध्यान में रखा और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में पूरे विश्वास के साथ कदम आगे बढ़ाए।
बजट निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था को गति देगाhttps://t.co/zGc6dVJLjK
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) February 2, 2021
रजत शर्मा के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी ने इसीलिए यह कहते हुए बजट की सराहना की कि यह एक ‘एक प्रो-ऐक्टिव बजट है जो धन सृजन के साथ-साथ जनकल्याण को भी बढ़ावा देगा। उनका मानना है कि एक बार अर्थव्यवस्था की हालत सुधरेगी, और लोगों की जेब में पैसा होगा तो दुनिया भर की कंपनियां बिजनस के लिए भारत आएंगी।
रिपब्लिक टीवी के अर्नब गोस्वामी ने कहा है कि यह भारत का सुनहरा रोडमैप है। पूछता है भारत टीवी शो में उनका कहना था कि इसे विकास का बजट कहा जा सकता है। इस बजट के जरिए ही कोरोना की मार से उबरा जा सकता है। बजट रोजगार के नए अवसर देगा तो किसान और आम आदमी की स्थित को संवारने का काम भी करेगा। अर्नब ने कांग्रेस नेताओं पर हमलावर होते हुए कहा कि उन्हें बजट समझ में नहीं आएगा। उनका मानना है कि सरकार ने इस बजट के जरिए यही पहिया घुमाने की पूरी कोशिश की है। विरोधी दल भले ही कहें कि बजट में कुछ भी नया नहीं है, उन्हें लगता है कि यह बजट निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने की ताकत देगा।