टेलीकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने गैर-दूरसंचार कंपनियों द्वारा सार्वजनिक वाई-फाई लगाए जाने की अनुमति देने पर आम लोगों के विचार मांगे हैं। ट्राई का कहना है कि इससे इंटरनेट सुविधा पहले से सस्ती और तेज हो जाएगी। इस संबंध में लोगों से 10 अगस्त तक अपने विचार साझा करने को कहा है।

एक परिचर्चा पत्र में ट्राई ने कहा कि देश में अभी 31,518 वाई-फाई हॉटस्पॉट उपलब्ध हैं। मगर हर 150 लोगों के लिए एक वाईफाई का ग्लोबल बेंचमार्क स्थापित करने के लिए अभी 8 लाख हॉटस्पॉट की और जरूरत होगी। ट्राई ने कहा है कि सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क का अर्थ सिर्फ लाइंसेसधारी सर्विस प्रोवाइडर द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर वाई-फाई हॉटस्पॉट बनाए जाने तक सीमित नहीं है। इसमें ऐसे छोटे उद्यमी या कोई बेहद छोटी संस्था भी शामिल हो सकती है।

ट्राई ने कहा कि वाई-फाई हॉटस्पॉट के मामले में देश की स्थिति अच्छी नहीं है। जहां दुनिया की कुल जनसंख्या का छठा हिस्सा भारत में रहता है, वहीं हॉटस्पॉट के मामले में हम दुनिया के 1/1000 वें हिस्से से भी नीचे हैं। ट्राई ने कहा है कि इस तरह के सस्ते वाई-फाई ढांचे से इंटरनेट की कीमतों में 90 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है और तेज गति की इंटरनेट सुविधा भी मिलेगी।