पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के दौरान टीएमसी और बीजेपी के बीच जारी विवाद चुनाव खत्म होने के बाद भी नहीं थम रहा। सूबे की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा है कि ममता बनर्जी ने कहा जो हमसे टकराएगा वो चूर-चूर हो जाएगा। ईद के मौके पर मुस्लिम मतदाताओं से अपील करते हुए ममता ने कहा कि ‘त्याग का नाम है हिंदू, ईमान का नाम है मुस्लिम, प्यार का नाम है ईसाई, सिखों का नाम है बलिदान, ये है हमारा प्यारा हिंदुस्तान, इसकी रक्षा हमलोग करेंगे। जो हमसे टकराएगा वो चूर-चूर हो जाएगा।’

ममता के इस बयान पर टीवी न्यूज चैनल आज तक लाइव शो कार्यक्रम के दौरान जब शो की होस्ट अंजना ओम कश्यप ने पैनल में टीएमसी की तरफ से अपनी बात रखने के लिए प्रोफेसर मनोजीत मंडल से सवाल जवाब किए तो वह बिफर गए। इस दौरान उन्होंने शो की होस्ट से कहा कि आपसे ऐसे बर्ताव की उम्मीद नहीं थी।

दरअसल अंजना ने प्रोफेसर से पूछा कि चुनाव खत्म हो गए हैं लेकिन ममता अपने इस बयान से क्या कहना चाहती हैं। वह ‘चूर-चूर’ वाले बयान के जरिए डिविसिव (बांटने) की राजनीति कर रही हैं। क्या वह मोदी को जवाब देने के लिए बेवजह की आग तो नहीं लगा रही? इस सवाल को सुनते ही प्रोफेसर बिफर गए और कहने लगे- अंजना जी कहां बांटने की बात हुई? हमने कहा कि हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सब एकसाथ भाई-भाई बनकर रहेंगे तो यह डिविसिव कैसे हो गया।

इसपर अंजना ने पलटवार करते हुए पूछा तो फिर ‘चूर-चूर’ हो जाएगा ऐसे फिल्मी डॉयलाग मारने की क्या जरुरत है? मनोजीत मंडल कहते हैं इसका डिविसिव से क्या संबंध है। यह एक फिल्मी डॉयलाग और इसे पॉलिटिकली कहा गया है। अंजना जी आपसे तो मैं इस तरह के बर्ताव की उम्मीद नहीं कर सकता था। इस डॉयलग का मतलब है कि जो भी हमारे (टीएमसी) के साथ पॉलिटिकली लड़ाई करेगा वह चूर-चूर हो जाएगा।’

मनोजीत मंडल के इतना कहते ही होस्ट अंजना ने उन्हें फिर से उनके ही जवाब पर घेर लिया। उन्होंने कहा कि तो इसका मतबल बीजेपी के जो भी वोटर्स पश्चिम बंगाल में हैं क्या वह भी चूर-चूर हो जाएंगे? या फिर जो आपकी पार्टी को वोट नहीं देगा वो चूर-चूर हो जाएगा या सिर्फ मोदी चूर-चूर हो जाएंगे?

इसपर मनोजीत मंडल ने कहा कि वोटर्स के साथ कभी लड़ाई होती है क्या। ये डॉयलाग सिर्फ राजनेताओं के लिए है। जो भी पार्टी चाहे वह कांग्रेस हो बीजेपी हो या फिर कोई भी पार्टी अगर वह हमारे साथ पॉलिटिकली लड़ेगी तो वह चूर-चूर हो जाएगी। यह एक फिल्मी डॉयलग है जिसे नेताओं द्वारा अक्सर कहा जाता है। इसका मतलब यह नहीं कि उन्होंने डायरेक्ट वोटर्स को यह कह दिया।