शिवसेना ने यूपी के आगरा स्थित विश्व प्रसिद्ध स्मारक ताजमहल के अंदर पूजा और आरती करने की धमकी दी है। इसके बाद पुरातत्व विभाग ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग की थी। जिला प्रशासन ने यह मांग मान ली है। बता दें कि पुरातत्व विभाग की ओर से डीएम को लिखी चिट्ठी में कहा गया था कि पहले कभी भी ताजमहल में किसी तरह की पूजा अर्चना या आरती नहीं की गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिवसेना नेता वीनू लवानिया ने कहा था कि ताजमहल असल में तेजो महालय है और हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सावन महीने के चारों सोमवार को ताजमहल में आरती की जाएगी। वहीं, डीएम को 18 जुलाई को लिखी चिट्ठी में पुरातत्व विभाग ने नियमों का हवाला देकर कहा कि ताजमहल जैसे संरक्षित स्मारक में किसी भी तरह का धार्मिक आयोजन करना नियमों के खिलाफ है।
उधर, शिवसेना ने चुनौती देते हुए कहा कि उन्हें और उनके सहयोगियों को ताजमहल में आरती करने से कोई रोक कर दिखाएं। मामला सामने आने के बाद एडीएम केपी सिंह ने कहा कि पुरातत्व विभाग के दरख्वास्त पर कार्रवाई करते हुए उचित व्यवस्था की जाएगी। शहर में कानून-व्यवस्था की हालत बिगड़ने नहीं दी जाएगी।
बता दें कि इससे पहले भी ताजमहल में पूजा करने को लेकर दक्षिणपंथी संगठनों की ओर से विवाद पैदा करने की कोशिश की जा चुकी है। पिछले साल कुछ महिलाओं ने ताजमहल के अंदर मस्जिद में पूजा की थी, ताकि वे साबित कर सकें कि ताजमहल एक शिव मंदिर था। वहीं, 2008 में भी शिवसैनिकों ने ताजमहल में धार्मिक अनुष्ठान किया था। उनका पुलिस से टकराव भी हुआ था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।