आरबीआई के नियमों के अनुसार, सभी बैंक अब अपने मैग्नेटिक स्ट्रिप डेबिट कार्ड्स को अधिक सुरक्षित EMV चिप और पिन बेस्ड डेबिट कार्ड में बदल रहे हैं। यदि आप अभी मैग्नेटिक स्ट्रिप डेबिट कार्ड ही इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको अपनी होम ब्रांच जाकर इन्हें EMV चिप कार्ड्स से बदलवाना होगा। कार्ड बदलवाने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर, 2019 है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ग्राहकों को याद दिलाने के लिए ट्वीट कर भी इसकी जानकारी दी है। नए कार्ड्स में एटीएम कार्ड फ्रॉड से काफी सुरक्षा मिलेगी।
रिजर्व बैंक ने ट्रांजैक्शन को सुरक्षित बनाने के लिए मई, 2015 में EMV चिप के संबंध में बैंकों को दिशा-निर्देश जारी किए थे। पहले कार्ड बदलने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर, 2018 तय की गई थी, लेकिन फिर इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2019 तक कर दी गई थी।
क्या है EMV चिपः ईएमवी चिप टेक्नॉलोजी ग्लोबल स्टैंडर्ड के मुताबिक लेटेस्ट तकनीक है। ईएमवी यूरोपे मास्टरकार्ड और वीजा से मिलती-जुलती तकनीक है। यह एक चिप बेस्ड कार्ड है, जिससे कार्ड ज्यादा सुरक्षित होता है। यह कार्ड बढ़ती धोखेबाजी की घटनाओं जैसे क्लोनिंग आदि को रोकने में भी काफी अहम साबित होगा।
Apply now to change your Magnetic Stripe Debit Cards to the more secure EMV Chip and PIN based SBI Debit card at your home branch by 31st December, 2019. Safeguard yourself with guaranteed authenticity, greater security for online payments and added security against fraud. pic.twitter.com/t9K3TiGTad
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) November 30, 2019
अभी के मैग्नेटिक स्ट्रिप कार्ड में यूजर का डाटा सेव होता है, लेकिन किसी धोखेबाज को इसे कॉपी करना ज्यादा मुश्किल काम नहीं है और जब यूजर अपना कार्ड स्वाइप करते हैं तो आपका डाटा चुराया जा सकता है। ईएमवी चिप कार्ड में यूजर का डाटा एक माइक्रोप्रोसेसर चिप में सेव होता है। जिसकी वजह से यह कार्ड हर बार यूजर का नया डाटा जेनरेट करता है, ऐसे में धोखेबाजों के लिए इस कार्ड से डाटा चुराना बेहद मुश्किल है।
इसके साथ ही EMV चिप कार्ड में ट्रांजैक्शन के वक्त एक यूनिक पिन नंबर भी जेनरेट होता है, जो कि टोकन या क्रिप्टोग्राम कहलाता है। यह टोकन यूनिक होता है और केवल एक ही ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल होता है।