बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद गुरुवार को एक बार फिर से बिहार के सीएम पद की शपथ ले ली। बीते कई महीनों से महागठबंधन में चल रहे विवाद के बीच नीतीश ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इसके साथ ही बिहार की 20 महीने पुरानी महागठबंधन की सरकार भी गिर गई। महागठबंधन में नीतीश की पार्टी जनता दल (युनाइटेड) के अलावा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस शामिल थीं। इस्तीफा देने के बाद नीतीश ने कहा कि जितना संभव हो सका, उन्होंने गठबंधन धर्म का पालन करने की कोशिश की, लेकिन बीते घटनाक्रम में जो चीजें सामने आईं उसमें काम करना मुश्किल हो गया था। नीतीश ने कहा, “मैंने इन 20 महीनों में जितना हो सका, सरकार चलाने की कोशिश की। लेकिन इस बीच जो हालात बने, जिस तरह की चीजें उभरकर सामने आईं, उसमें काम करना, नेतृत्व करना संभव नहीं रह गया था।” गुरुवार को नीतीश कुमार बीजेपी के समर्थन से एक बार फिर से मुख्यमंत्री बन गए हैं। नीतीश कुमार 4 साल बाद एक बार फिर से बीजेपी के साथ आ चुके हैं। गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेते ही नीतीश छठवीं बार बिहार के सीएम पद की शपथ लेने वाले पहले व्यक्ति भी बन गए।
नीतीश कुमार के इस फैसले पर सोशल मीडिया पर जहां लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया आ रही है तो वहीं सियासी दलों और नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नीतीश के इस कदम पर तंज कसा है। अखिलेश ने ट्वीट करते हुए कहा कि ना-ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे।
ना ना करते, प्यार तुम्हीं से कर बैठे
करना था इंकार मगर इक़रार तुम्हीं से कर बैठे
Bihar Today— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 27, 2017
अखिलेश यादव के इस ट्वीट को काफी पसंद किया जा रहा है। ट्विटर पर इसे लगभग ढाई हजार लोग रिट्वीट कर चुके हैं। आपकतो बता दें कि गुरुवार को एक बार फिर से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।