इथियोपिया के उत्तरी Tigray region में चल रहे संघर्ष में सैनिक रेप को हथियार बनाकर महिलाओं पर जुल्म ढा रहे हैं। सैनिक गैंगरेप करने के बाद प्राइवेट पार्ट में पत्थर, कीलें और प्लास्टिक डाल रहे हैं। इस खौफनाक दास्तां को वहां के डॉक्टरों ने बताया है। उनका कहना है कि जब से सरकार ने Tigray क्षेत्र में सैनिक कार्रवाई शुरू की है। ऐसी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि जितनी भी महिलाओं का उन्होंने इलाज किया, सभी ने तकरीबन एक सी खौफनाक दास्तां बयां की है।

इथियोपिया में टिग्रे पीपल्स लिबरेशन फ्रंट (टीपीएलएफ) और सरकार के बीच लंबे वक्त से तनाव जारी है। प्रधानमंत्री अबी अहमद ने नवंबर में टीपीएलएफ के खिलाफ कार्रवाई का फैसला लिया था। इसके पीछे की वजह बताई गई कि टीपीएलएफ के लड़ाकों ने मकैले स्थित सैन्य बेस पर हमला किया है। इस पर्वतीय इलाके पर टीपीएलएफ का नियंत्रण है। यहां संघीय सेना और टिग्रे विद्रोहियों के बीच बीते एक साल से संघर्ष जारी है।

यूएन की एक रिपोर्ट कहती है कि दिसंबर और जनवरी में मकैले के अस्पताल में 136 से ज्यादा रेप के मामले दर्ज किए गए हैं। सरकार ने नवंबर के आखिर में मकैले को टीपीएलएफ के नियंत्रण से आजाद करा लिया था लेकिन फिर भी यहां लड़ाई जारी है। पीडि़ताओं में कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जिन्होंने रेप का आरोप संघीय सैनिकों और उनके सहयोगी बलों पर लगाया है लेकिन इस तरह के दावों की पुष्टि नहीं हो सकी है। इथियोपिया के मानवाधिकार आयोग का कहना है कि रेप के कई मामले तो दर्ज ही नहीं हुए हैं। आयोग ने कहा है कि युद्ध और अस्थिरता के कारण क्षेत्र में लिंग आधारित भेदभाव बढ़ा है। सरकार का कहना है कि वह यौन शोषण के आरोपियों से सख्ती से निपटेगी। किसी भी आरोपी के साथ रहम नहीं होगा।

Tigray region की घटनाओं से अमेरिकी प्रेसीडेंट जो बाइडेन भी आहत हैं। उन्होंने सीनेटर क्रिस कूंस को प्रधानमंत्री अबी अहमद से मिलने भेजा है। बाइडेन ने इस तरह की वीभत्स घटनाओं पर चिंता जताई है। ध्यान रहे कि अमेरिका ने युद्ध के दौरान हुए अत्याचारों की स्वतंत्र जांच कराने की बात कही थी। उधर, सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, इथियोपिया की सरकार ने पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगा रखी थी। फिलहाल वहां विदेशी मीडिया को जाने की अनुमति मिल गई है। इसके बाद से ही दिल को झकझोरने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं।

सीएनएन को एक ऐसी ही महिला ने बताया कि उसके अलावा पांच और महिलाओं का यौन शोषण लगभग 30 सैनिकों ने किया। इस दौरान वो हंसी मजाक के साथ फोटो भी ले रहे थे। महिला के मुतबिक ड्रेस से लग रहा था कि वो Eritrean से थे। जब भागने की कोशिश पर उसे एक पत्थर से बांध दिया गया और 10 दिनों तक लगातार उसके साथ अमानुषिक अत्याचार किए गए। एक डॉक्टर का कहना है कि जिन महिलाओं का उसने उपचार किया उनमें से कई की हड्डियां तक टूटी थीं। इस चिकित्सक ने 8 साल से लेकर 60 साल तक की महिलाओं का उपचार किया।

उधर, यूएन के ह्यूमन राइट्स कमीशन के प्रवक्ता का कहना है कि इथियोपियाई मानवाधिकार आयोग के साथ मिलकर वो जांच करेंगे और जो भी सच होगा उसे सामने लेकर आएंगे। मामले से जुड़े लोगों का मानना है कि इस तरह की महिलाओं की तादाद असलियत में जो दिखाई दे रही है, उससे कहीं ज्यादा है। यूएन प्रवक्ता का कहना है कि स्वतंत्र जांच से ही सच सामने आ सकता है। मौजूदा हालात में सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।