राजस्थान में 20 वर्षीय रूपा यादव ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए जो कर दिखाया है वह सभी के लिए एक मिसाल है। रूपा यादव का विवाह 8 साल की उम्र में कर दिया गया था लेकिन उसने इसे अपने सपनों की उड़ान के आड़े नहीं आने दिया। रूपा अब अपनी मेहनत के दम पर डॉक्टर बनने जा रही हैं। उन्होंने सीबीएसई के नेशनल एंट्रेंस एलिजिबिल्टी टेस्ट (NEET) में 603 अंक लाकर अपने डॉक्टर बनने की मंजिल की पहली सीढ़ी कामयाबी से पार कर ली है। रूपा कक्षा III में थी जब उनकी शादी शंकर लाल से करवा दी गई थी। शादी के समय शंकर की उम्र भी 12 साल की ही थी। मगर रूपा के परिजनों ने शादी के बाद भी उसकी पढ़ाई में कोई रोड़ा नहीं अटकाया। परिवार ने रूपा की पढ़ाई के लिए उसे पूरी तरह सपोर्ट किया।
रूपा ने 10वीं कक्षा में 84 फीसद नंबर हासिल किए थे। यह देखकर उनके रिश्तेदारों ने रूपा की पढ़ाई को जारी रखने की सलाह उनके ससुराल वालों को दी। रूपा कहती हैं कि परिवार से मिले इस सपोर्ट के लिए वह हमेशा उनकी शुक्र-गुजार रहेंगी। रूपा ने 11वीं और 12वीं कक्षा में भी 80 फीसद से ज्यादा अंक हासिल किए थे। ऐसे ही आगे बढ़ते हुए उन्होंने अपनी पहली AIPMT पास करने की कोशिश में 415 अंक हासिल किए थे और उनकी रैंक 23 हजार रही। वहीं इस बार कोचिंग लेने के बाद उनका NEET का प्रदर्शन पहले से काफी बेहतर रहा।
रूपा बताती हैं कि उन्होंने डॉक्टर बनने का फैसला अपने चाचा की दिल का दौरा पड़ने से हुई मृत्यु के बाद लिया था। वह बताती हैं इलाके में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं होने के चलते उन्होंने डॉक्टर बनने का फैसला लिया। वहीं उनके पति शंकर ने भी उनकी पढ़ाई के लिए उन्हें पूरा सहारा दिया। कोचिंग के लिए रूपा कोटा में रह रही थीं। घर में सब किसानी करते हैं जिसके चलते परिवार की आमदनी काफी कम थी। ऐसे में कोटा में रूपा के खर्चों को पूरा कराने के लिए शंकर ने कार्गो टैक्सी चलाने का फैसला लिया ताकि उनकी पढ़ाई में कोई बाधा न आ सके।

