पश्चिम बंगाल के कैबिनेट मंत्री पार्थ चटर्जी की भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकार एक दूसरे के आमने सामने हैं। जांच एजेंसी ने मंत्री के अस्पताल को बदलवाने पर आपत्ति जताई है। प्रवर्तन निदेशालय निदेशालय ने पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी डॉन की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया है। पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी को कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में स्थानांतरित करने के लिए याचिका डाली थी। जिस पर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।

कलकत्ता हाईकोर्ट में हुई इस सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी ने कहा कि चटर्जी एक डॉन की तरह व्यवहार कर रहे थे। ईडी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की एकल न्यायाधीश पीठ को बताया कि चटर्जी कानून से बचने के लिए बीमारी का नाटक कर रहे थे। ईडी ने कहा कि पार्थ चटर्जी पूछताछ के दौरान जरा भी सहयोग नहीं कर रहे थे।

हाईकोर्ट ने भवनेश्वर एम्स ले जाने की दी इजाजत

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ईडी को पश्चिम बंगाल के कैबिनेट मंत्री और राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को कल 25 जुलाई की सुबह एयर एम्बुलेंस द्वारा एम्स, भुवनेश्वर ले जाने की अनुमति दी। उनके साथ एसएसकेएम अस्पताल के एक डॉक्टर और उनके वकील भी होंगे। इसके पहले रविवार को कोलकाता हाईकोर्ट में ASG एसवी राजू ने कहा कि चूंकि ये मामला अध्यापकों की भर्ती के बड़े घोटाले से जुड़ा है, इसलिए उन्हें रविवार होने के बावजूद कोर्ट में अपील करनी पड़ी है।

वो बीमारी का नाटक कर रहे हैंः ईडी

जांच एजेंसी ने अदालत को बताया, “कृपया सभी तथ्यों को ध्यान से देखें यह उच्चतम स्तर पर भ्रष्टाचार का मामला है। योग्य उम्मीदवारों के के भविष्य से खिलवाड़ किया गया है। एक शीर्ष के मंत्री इस भ्रष्टाचार का हिस्सा हैं। हमें उनके आवास करोड़ों रुपये बरामद हुए हैं जिसके बारे में पता लगाने के लिए उससे पूछताछ करने की जरूरत है। हम उससे पहले 15 दिनों के भीतर ही पूछताछ कर सकते हैं लेकिन वह बहुत प्रभावशाली है। उन्होंने खुद को एक अस्पताल में शिफ्ट किया है जहां उनकी हुकूमत चलती है। वह बीमारी का बहाना कर रहे हैं।”

अर्पिता मुखर्जी एक दिन की ईडी रिमांड पर

इससे पहले पार्थ मुखर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को कोलकाता में ईडी मुख्यालय से बाहर ले जाया गया और उन्हें चिकित्सा जांच के लिए भेजा गया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान उन्होंने बताया कि जांच टीम को मंत्री के आवास से 21 करोड़ रुपये कैश बरामद किए गए थे साथ ही उनकी एक महिला सहयोगी को भी गिरफ्तार किया है। बंगाल की एक अन्य कोर्ट ने आज अर्पिता मुखर्जी को एक दिन की ईडी की रिमांड पर भेजा है।

23 जुलाई को पार्थ चटर्जी हुए गिरफ्तार

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता पार्थ चटर्जी को प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार 23 जुलाई को पश्चिम बंगाल में कथित स्कूल नौकरी घोटाले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। पूर्व शिक्षा मंत्री की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के कोलकाता स्थित घर से 21 करोड़ रुपये नकद बरामद होने के बाद पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी हुई। एजेंसी ने शनिवार को अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया था।