रियो ओलंपिक से पूर्व डोप टेस्ट में पहलवान नरसिंह यादव के पाजिटिव पाए जाने से जुड़े मामले में खेल मंत्री ने कहा कि इस मामले में राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजंसी (नाडा) की पैनल की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही लोकसभा में बुधवार को इस मामले में भारतीय कुश्ती संघ की भूमिका की भी जांच की मांग की गई।
खेल मंत्री विजय गोयल ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों के सवालों के जवाब में बताया कि नाडा राष्ट्रीय एजंसी है जो विश्व डोपिंग निरोधक एजंसी के तहत काम करती है। नाडा अपनी रिपोर्ट विश्व एजंसी को भेजती है। उन्होंने बताया कि नरसिंह यादव के मामले में नाडा की पैनल की रिपोर्ट एक दो दिन में आ जाएगी और सरकार आगे की कार्रवाई का फैसला उसके बाद ही करेगी। हालांकि उन्होंने कहा कि डोप टेस्ट में फेल होने के बाद नरसिंह यादव को अस्थायी रूप से निलंबित किया गया था।
शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कांग्रेस के रंजीत रंजन ने कहा कि नरसिंह के डोपिंग परीक्षण में विफल रहने से बड़ी दुखद स्थिति पैदा हो गई है। पता लगाया जाना चाहिए कि यादव ने खुद कोई पदार्थ लिया अथवा उन्हें फंसाया गया है। कहा कि सरकार को इस मामले में सीबीआइ जांच करानी चाहिए और जिसने भी यह जघन्य अपराध किया है, उसे सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए। कहा कि एक तरफ नरसिंह यादव के जाने पर तलवार लटकी हुई है वहीं दूसरे खिलाड़ी प्रवीण राणा के जाने की खबरें आने लगी हैं। उन्होंने कुश्ती संघ में भी आंतरिक राजनीति के आरोप लगाए। कई अन्य सदस्यों ने भी इस विषय से खुद को संबद्ध किया।
भाजपा सदस्य सुखबीर सिंह जौनपुरिया ने इससे पूर्व सवाल किया था कि नरसिंह यादव के डोप टेस्ट में फेल होने के मामले में भारतीय कुश्ती संघ की लापरवाही की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि नरसिंह यादव के डोप टेस्ट में नाकाम होने से देश को बड़ा नुकसान हुआ है और मीडिया में ऐसी रिपोर्टें आई हैं कि भारतीय कुश्ती संघ की लापरवाही के चलते उसके खाने में मिलावट की गई। जौनपुरिया ने कहा कि खेल मंत्रालय को कुछ ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि विश्वस्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए मुख्य खिलाड़ियों के साथ अन्य खिलाड़ियों को भी तैयार किया जाए। साथ ही उन्होंने इस मामले को देश के खिलाड़ियों के लिए घातक बताया।
इसके साथ ही भाजपा के राघव लखनपाल शर्मा ने सरकार से जानना चाहा कि क्या सरकार का बाजार में आसानी से उपलब्ध एनाबोलिक स्टेरॉयड के मैनुफैक्चरर्स पर रोक लगाने का कोई विचार है। उनका कहना था कि नाडा का ऐसे मैनुफैक्चरर्स पर कोई कानूनी प्राधिकार नहीं है लेकिन क्या सरकार उन पर रोक लगाने की दिशा में कोई कदम उठाएगी। खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा कि सरकार इस बात पर पूरा ध्यान देगी।
मंत्री ने इसके साथ ही बताया कि केंद्र सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है और यदि कोई सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र में किसी खेल परियोजना में 50 फीसदी कोष अपनी सांसद निधि से देने को तैयार होता है तो बाकी 50 फीसदी केंद्र सरकार देगी।
खेलों में प्रतिभा खोज को एक सतत प्रक्रिया बताते हुए खेल मंत्री ने बताया कि व्यक्तिगत खेलों में सरकार आठ और अकादमी स्थापित करने जा रही है। उन्होंने साथ ही जौनपुरिया की इस बात से असहमति भी जताई कि विभिन्न खेल स्पर्धाओं में सिफारिश के आधार पर खिलाड़ियों का चयन किया जाता है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर खिलाड़ी मैरिट के आधार पर चुने जाते हैं।
विजय गोयल ने साथ ही बताया कि सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों और पूर्वोत्तर के राज्यों पर विशेष ध्यान दे रही है। विभिन्न खेल महासंघों में अनियमितताओं के संबंध में किए गए सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि पिछले तीन सालों में कुछ राष्ट्रीय खेल संघों में सरकारी दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने के मामले सामने आए हैं और सरकार ने इसका संज्ञान लिया है। सरकार ने निलंबन और मान्यता रद्द करने समेत कई कदम उठाए हैं।
उधर राज्यसभा में कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआइ) के रसोईघर में दाल में प्रतिबंधित दवा मिलाई गई थी और इसकी व्यापक जांच की जानी चाहिए ताकि मुद्दे की तह तक जाया जा सके। तिवारी ने कहा कि अगर खिलाड़ी ने अनजाने में प्रतिबंधित दवा का सेवन किया है तो उसे प्रतियोगिता के लिए एक मौका दिया जाना चाहिए। अगर उसने जानबूझकर ऐसा किया है तो उसे सजा दी जानी चाहिए। डोप टेस्ट में पदक जीतने की संभावना वाले तीन तीन खिलाड़ी अयोग्य किए गए हैं और यह चिंताजनक बात है। उप सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि अगर कोई षड्यंत्र हुआ है तो इसकी जांच की जानी चाहिए। संसदीय मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि वह इस बात से सहमत हैं।