कहते हैं कि राजनीति में कोई स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता, लेकिन बिहार की राजनीति में फिलहाल चिराग पासवान और नीतीश कुमार के बीच एक दूसरे को ठिकाने लगाने का सिलसिला चल रहा है। यही वजह है कि जदयू के नेता चिराग की पार्टी एलजेपी को NDA का हिस्सा नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि चिराग ने बिहार चुनाव में हमारे गठबंधन को नुकसान पहुंचाया। लिहाजा उन्हें अब NDA का हिस्सा नहीं माना जा सकता है।

जदयू नेता केसी त्यागी ने राजग की बैठक में लोजपा के शामिल होने के निमंत्रण को लेकर कहा, वह चिराग पासवान की पार्टी को राजग का सदस्य नहीं मानते। लोजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव में राजग उम्मीदवारों के खिलाफ कार्य किया, इससे हमारे गठबंधन को काफी नुकसान हुआ। उनका कहना है कि जब कोई खुलकर हमारा विरोध कर सकता है तो हम कैसे उसके साथ गलबहियां डाल सकते हैं। लिहाजा अभी के राजनीतिक परिदृश्य में चिराग की एनडीए में कोई जगह नहीं है।

एलजेपी एनडीए का हिस्सा है या नहीं, इस पर सस्पेंस बरकरार है। सूत्रों के अनुसार, संसदीय कार्य मंत्री के यहां आज दोपहर होने वाली बैठक के लिए चिराग पासवान को आमंत्रित किया गया था, लेकिन एलजेपी सूत्रों के अनुसार तबीयत ठीक नहीं होने से वह बैठक में नहीं गए। उधर, बीजेपी सूत्रों ने दावा किया कि उन्हें मना किया गया कि बैठक में न आए। जेडीयू नाराज न हो, इसलिए चिराग को बैठक में शामिल होने से मना किया गया है। बिहार चुनाव में जिस तरह एलजेपी ने नुकसान किया उससे जेडीयू बहुत नाराज है।

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनावों में चिराग पासवान की ओर से जेडीयू को काफी नुकसान हुआ था। चिराग ने कुछ बयान ऐसे भी दिए थे जो पार्टी और नीतीश कुमार को सही नहीं लगे। जेडीयू के नेताओं का कहना है कि हम ये मानकर चल रहे हैं कि चिराग पासवान बाहर हैं, लेकिन अगर फिर भी वह बैठक में आते हैं, तो यह सह नहीं होगा। उन्होंने चुनावों में जिस तरह उम्मीदवार खड़े किए उससे न सिर्फ जेडीयू बल्कि पूरे एनडीए की एकता को नुकसान पहुंचा।