उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी विधायकों को हिदायत की है कि विधानसभा सत्र से पहले वे सभी एक Apple का आईपैड खरीदें। इसकी लिमिट 50 हजार रुपए रखी गई है। इसका भुगतान उन्हें सरकार की तरफ से किया जाएगा।

प्रमुख सचिव डॉ.राजेश सिंह की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि विधायक आईपैड की खरीद अपवने वित्तीय स्रोतों से कर लें। यूपी विधानसभा का सत्र 18 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। हालांकि, प्रमुख सचिव के इस आदेश पर लोगों ने अपने रिएक्शन भी दिए हैं, जिनमें सरकार पर एक तरह से तंज कसा गया है।

संजीव नाम के यूजर ने लिखा, आईपैड स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भी देना चाहिए। online study का प्रोग्राम बनाकर कर सरकार ने बच्चों और अभिवावकों को विचित्र सी स्थिति में डाल दिया गया। उनका क्या अपराध है। विधायक तो वैसे ही धनी होते हैं। शुभम पांडेय ने लिखा, 50 हजार तो छोटी सी रकम हैं, देश के सारे विधायक, करोड़पति, लखपति हैं। इन्हें फंड देने की नहीं, वसूलने की जरूरत है। उनका कहना है कि गरीबों का पैसा लुटेरो में मत बांटो।

एक अन्य ने लिखा, यूपी सरकार के नेता समेत मुख्यमंत्री इतना बड़ी रकम कहा से देंगे। जनता की जिंदगी बेच कर या फिर वे अपने निजी खातो से 50 हजार के apple के ipad का भुगतान करेंगे। यह फिजूल खर्ची बंद करें। बीजेपी के लोग सरकार और देश को बेचना बंद करें। मोदी सरकार को चुनाव में भुगतना पड़ेगा। कमलेश का कहना था कि 403 एमएलए हैं। उड़ालो सरकार पैसा। एक अन्य ने लिखा, हरेक विधायक के लिये एक एपल फोन। इसे कैसे चलाया जाए यह सिखाने के लिये एक-एक एक्सपर्ट भी रखना होगा। एक अन्य यूजर ने लिखा सिर्फ एक ही आईपैड ले सकते हैं क्या। रिश्तेदारों और बच्चों के लिए नहीं ले सकते।

एक अन्य ने लिखा, यूपी सरकार के नेता समेत मुख्यमंत्री इतना बड़ी रकम कहा से देंगे। जनता की जिंदगी बेच कर या फिर वे अपने निजी खातो से 50 हजार के apple के ipad का भुगतान करेंगे। यह फिजूल खर्ची बंद करें। बीजेपी के लोग सरकार और देश को बेचना बंद करें। मोदी सरकार को चुनाव में भुगतना पड़ेगा। कमलेश का कहना था कि 403 एमएलए हैं। उड़ालो सरकार पैसा। एक अन्य ने लिखा, हरेक विधायक के लिये एक एपल फोन। इसे कैसे चलाया जाए यह सिखाने के लिये एक-एक एक्सपर्ट भी रखना होगा। एक अन्य यूजर ने लिखा सिर्फ एक ही आईपैड ले सकते हैं क्या। रिश्तेदारों और बच्चों के लिए नहीं ले सकते।

एक व्यक्ति ने लाइन से पार जाकर लिखा, appla ने चंदा दिया है क्या। किसी भारतीय कंपनी को क्यों नहीं प्रमोट करती बीजेपी। एक अन्य का कहना था कि पैसा जनता का है, लुटा दो। अगर सरकार जनहितैषी है तो ये पैसा गरीबों, बेरोजगारों और किसानों को देना चाहिए था। रत्नाकर यादव ने लिखा, इनके तो मजे हैं। काम न काम और राजाओं जैसे ठाठ। भारत सिरोही ने लिखा, नारा देते हैं आत्मनिर्भर भारत का और आईपैड खरीदेंगे अमेरिकी कंपनी का।