भारत और श्रीलंका के बीच तीन मैचों की एकदिवसीय सीरीज का आखिरी मुकाबला शुक्रवार को कोलंबो के प्रेमदासा स्टेडियम में खेला जा रहा है। टॉस जीतकर भारतीय कप्तान शिखर धवन ने पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया था। वहीं 23वें ओवर की पहली गेंद पर एक ऐसा वाकिया हुआ जिसको देखकर थर्ड अंपायर और श्रीलंकाई टीम सहित सभी कंफ्यूज हो गए। यहां तक की खुद बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव भी नहीं समझ पाए।

दरअसल हुआ ये कि सूर्यकुमार यादव स्ट्राइक पर थे और उन्होंने जयाविक्रमा की एक घूमती हुई गेंद पर स्वीप शॉट खेला। शॉट उनके बल्ले पर ना लगकर पैड पर लगा और अंपायर ने उन्हें LBW आउट करार दिया। बल्लेबाज निर्णय से सहमत नहीं थे और उन्होंने डीआरएस ले लिया। रिव्यू लेने के बाद काफी समय तक फील्ड पर खिलाड़ी और अंपायर निर्णय का इंतजार करते रहे। बहुत देर बाद बॉल ट्रैकिंग आई तो बॉल का इम्पैक्ट ऑफ स्टंप से बाहर था जिसके चलते सूर्यकुमार यादव बच गए।

बल्लेबाज लेकिन इस निर्णय से कंफ्यूज दिखा, सिर्फ बल्लेबाज नहीं श्रीलंकाई टीम भी कंफ्यूज दिखी। जैसे ही बॉल विकेट पर लगती हुई दिखी तो श्रीलंका के खिलाड़ी जश्न मनाने लगे और सूर्यकुमार यादव वापस जाने लगे। इसके बाद फील्ड अंपायर कुमार धर्मसेना ने अपनी गलती स्वीकारते हुए निर्णय को बदला और सूर्यकुमार यादव को वापस बल्लेबाजी के लिए बुलाया।

क्या है नियम ?

आपको बता दें कि डीआरएस यानी रिव्यू के नियम के मुताबिक अगर गेंद ऑफ स्टंप की लाइन से बाहर पिच हो रही है तो फील्ड अंपायर उसे आउट नहीं दे सकता। भले ही गेंद विकेट पर क्यों ना लग रही हो लेकिन पिचिंग से बल्लेबाज नॉट आउट करार दिया जाता है। इस केस में अगर आउट होने के बाद बल्लेबाज रिव्यू लेता है तो रिव्यू बरकरार रहता है हर सफल निर्णय की तरह।

फिलहाल समाचार लिखे जाने तक मैच बारिश के चलते रोका गया है। 23 ओवर के बाद भारत ने तीन विकेट के नुकसान पर 147 रन बना लिए है। मैच रुकने के वक्त तक सूर्यकुमार यादव 22 और मनीष पांडे 10 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद थे।