टोक्यो ओलंपिक में शनिवार को भारत को छठा मेडल मिल गया है। भारतीय रेसलर बजरंग पूनिया ने 65 किग्रा फ्रीस्टाइल रेसलिंग के ब्रॉन्ज मेडल मैच में कजाकिस्तान के दौलत नियाजबेकोव को मात दी। इसी के साथ भारत ने 2012 लंदन ओलंपिक के 6 मेडल की भी बराबरी कर ली है।

पूनिया ने अपने प्रतिद्वंदी नियाजबेकोव को ब्रॉन्ज मेडल मैच में 8-0 से मात देकर भारत को टोक्यो ओलंपिक का चौथा ब्रॉन्ज और छठा मेडल दिलाया। यह भारत का कुश्ती में दूसरा और वर्तमान खेलों में कुल छठा पदक है। भारत ने इस तरह से एक ओलंपिक में सर्वाधिक पदक जीतने के अपने पिछले रिकार्ड की बराबरी की।

इससे पहले रवि दहिया ने कुश्ती में पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता था। भारत ने इससे पहले लंदन ओलंपिक 2012 में छह पदक जीते थे तब कुश्ती में सुशील कुमार ने रजत और योगेश्वर दत्त ने कांस्य पदक हासिल किया था।

बजरंग शुरू से ही दृढ़ इरादों के साथ मैट पर उतरे। उन्होंने पहले पीरियड दो अंक बनाये और इस बीच अपने रक्षण का अच्छा नमूना पेश किया। वह दूसरे पीरियड में अधिक आक्रामक नजर आये जिसमें उन्होंने छह अंक हासिल किये। इस जीत से बजरंग ने नियाजबेकोव से विश्व चैंपियनशिप 2019 के सेमीफाइनल में मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया।

इससे पहले भारत के लिए रेसलिंग में रवि दहिया ने सिल्वर मेडल जीता था। वहीं मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में भी भारत को रजत पदक दिलाया था। इसके अलावा पीवी सिंधु ने बैडमिंटन, लवलीना बोरगोहेन ने मुक्केबाजी और भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।


बजरंग पूनिया की इस जीत पर देश भर से बधाइयां आ रही हैं। देश के राष्ट्रपति ने भी उन्हें टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर बधाई दी।

गौरतलब है ओलंपिक में ये बजरंग पूनिया का पहला मेडल था। इससे पहले भारत के लिए सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त, केडी जाधव और रवि दहिया ओलंपिक मेडल जीत चुके हैं।