मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने अधिकारियों को फिर से अपने तीखे तेवरों का एहसास कराया है। दतिया के बड़ौनी में गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने तहसीलदार को सस्पेंड कर दिया। वह नाराज थे, क्योंकि 5 बार बुलाने पर भी अधिकारी उनके समक्ष उपस्थित नहीं हुआ।

रविवार को प्रशासनिक महकमे में उस समय खलबली मच गई जब बड़ौनी प्रवास पर पहुंचे गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने राजस्व संबंधी शिकायतों के मामले में मंच से ही तहसीलदार सुनील वर्मा के निलंबन की घोषणा कर डाली। इस घोषणा के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप की स्थिति बनी हुई थी।

बताया जाता है कि गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा बडौनी में पात्रता पर्ची वितरण कार्यक्रम में शामिल होने रविवार दोपहर वहां पहुंचे थे। इसी दौरान वहां तहसील संबंधी समस्याओं सहित अन्य मामलों को लेकर करीब आधा सैकड़ा से ज्यादा ग्रामीणों ने उन्हें आवेदन सौंपकर अवगत कराया था। जिसका मौके पर निराकरण करने के लिए उन्होंने मंच से माइक संभाला और तहसील के संबंधित अधिकारी कर्मचारियों को बुलाया। बावजूद इसके काफी देर तक जब मंच के पास तहसीलदार सुनील वर्मा नहीं पहुंचे तो गृह मंत्री ने इस रवैए पर नाराजगी जताते हुए तहसीलदार सुनील वर्मा के निलंबन की घोषणा कर डाली।

मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि प्रोटोकॉल का पालन ना करने के कारण तहसीलदार पर यह गाज गिरी है। वहीं गृहमंत्री की सख्ती को देखते हुए जिले के प्रशासनिक महकमे में सुस्ती दिखाने वाले अधिकारी भी सतर्क हो गए हैं।

गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि समाज के वंचित एवं कमजोर वर्गों के लिए सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के अमल में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उधर, मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि नौकरशाही में सरकार के तेवरों को लेकर सख्त संदेश जाए, इसके लिए तत्काल प्रभाव से तहसीलदार को सस्पेंड करने का ऐलान कर दिया गया। इससे पहले सीएम शिवराज सिंह भी नौकरशाही को सख्त संदेश दे चुके हैं। अपने खतरनाक मूड का हवाला देते हुए उन्होंने कहा था कि अफसर अपने काम में सुझार लाए।