दिल्ली हाईकोर्ट ने वकीलों की उस हरकत पर नाराजगी जताई है, जिसमें वीडियो कांफ्रेंस में किसी केस की सुनवाई के दौरान वकील पार्क में बैठ और सीढ़ियों पर टहलते-टहलते हिस्सा लेते हैं। कोर्ट का कहना है कि कई बार सुनवाई के दौरान आवाज भी नहीं आती। इससे मामलों की सुनवाई करने में परेशानी होती है।

कोरोना संकट के दौरान अदालतों की कार्यवाही वीडियो कांफ्रेंस के जरिए करने का फैसला लिया गया था। हाईकोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत अधिवक्ता या वादकारी अपने मोबाइल या लैपटॉप या पीसी की सहायता से न्यायालय के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़कर अपना पक्ष प्रस्तुत रख सकेंगे। मुकदमा ई-फाइलिंग से दाखिल होगा। कांफ्रेंस के लिए लिंक अदालत मुहैया कराती है।

प्रक्रिया के मुताबिक, वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए हाईकोर्ट संबंधित वकील या वादकारी को ई-मेल व एसएमएस से समय आवंटित करती है। संबंधित वकील या वादकारी को सुनवाई के निर्धारित समय से 10 मिनट पहले अपना मोबाइल, लैपटॉप, पीसी या टेबलेट तैयार रखना होता है। समय पर उपस्थित न होने की स्थिति में न्यायालय एक पक्षीय आदेश भी जारी कर सकता है। वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोर्ट में उपस्थित होने वाले अधिवक्ता को उन सभी शिष्टाचार का पालन करना होता है जो खुले न्यायालय में मुकदमे में बहस करते समय किए जाते हैं।

जानकारों के मुताबिक, एक समय तक वकीलों ने कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक काम किया, लेकिन फिर से अपने हिसाब से वीडियो
कांफ्रेंसिंग करने लगे। इसी वजह से हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। हालांकि, समाचार एजेंसी के ट्वीट पर कुछ लोगों ने रिएक्ट भी किया। एक ने सुल्तान मूवी की क्लिप डालकर लिखा, मजाक चल रहा है क्या। तो एक ने जॉली LLB-2 की क्लिप को ट्वीट किया। इसमें अक्षय कुमार हाथ जोड़े दिख रहे हैं। फोटो पर कैप्शन लिखा गया, कुछ तो शर्म करो जनाब, कुछ तो शर्म करो।