इस समय समाज से साथ सबसे बड़ी दिक्कत है कि यह जाति, धर्म, रंग-भेद जैसी अनगिनत चीजों में बंटा हुआ है। जब भी कोई आतंकी हमला होता है तो सबसे पहली चीज जो किसी के दिमाग में आती है वह है मरने वाले का धर्म या जाति क्या थी।
अक्सर अपने खुले विचारों के कारण चर्चाओं में रहने वाले रेडियो जॉकी और कॉमेडियन मीर अफजल अली ने ईद पर की गई अपनी एक फेसबुक पोस्ट से लोगों को एक संदेश देने की कोशिश की है। इसके जरिए उन्होंने बताना चाहा कि आखिर समाज किन पहलुओं पर गलती कर रहा है, जिस वजह से आतंकवाद जैसी दूसरी चीजें पनप रही हैं।
उनकी इस पोस्ट को 10 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया और हजारों ने शेयर किया।
अपनी पोस्ट में उन्होंने खुद से साथ हुई एक घटना को साझा किया। उन्होंने लिखा, ” आज सुबह मैं अनवर शाह रोड के पास टीपू सुल्तान के किले पर था।
वहां एक इमाम साहब कह रहे थे ”आईए सब मिलकर दुआ करते हैं तमाम मुस्लमान भाईयों के लिए जो तकलीफ में हैं, जिन पर जुल्म किया जा रहा है। अल्लाह उन्हें राहत बख्शे,, फलां फलां…”
इमाम साहब (माफ कीजिए), यहीं पर तो मार खा गए आप…
जुल्म मुस्लमान पर नहीं इंसान पर हो रहा है…
कहीं पर किसी इटैलियन/जैपनीज/कोरियन/ब्रिटिश की मौत होती है, तो वह क्रिचिएयन या हिंदु या बौद्ध बाद में है, पहले इंसान है…
हर रोज हर जगह इंसान शहीद हो रहा है…
आप यूं कहते तो आज की सिवई थोड़ी और मिठी होती…
आज की बिरयानी में थोड़ा और जायका होता… अफसोस…
फिर भी ईद मुबारक….
(फोटो में मेरे अब्बा के हाथ) ”