छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल ने कहा, किसानों के प्रदर्शन स्थलों के निकट कई स्तरों के अवरोधक लगाना और कीलें ठोंकना ‘डाकुओं’ की उन पुरानी तरकीबों की तरह है जो वे डाका डालते समय गांवों के रास्तों को अवरुद्ध करने के लिए अपनाते थे। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने कई विदेशी हस्तियों की टिप्पणियों पर आधिकारिक बयान जारी कर किसानों के मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण किया है।

बघेल ने केंद्र सरकार को आगाह किया कि अगर उसने किसानों के मुद्दों का समाधान नहीं किया तो यह आंदोलन पूरे देश में फैल जाएगा। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की मांग कर रहे हैं और ये उन्हें दी जानी चाहिए। बघेल ने कहा कि जब ये कानून बनाए गए तब राहुल गांधी पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इस मुद्दे को संसद के भीतर और बाहर उठाया। राहुल ने पंजाब और हरियाणा में ट्रैक्टर रैली भी निकाली थी। उन्होंने रास्ता दिखाया और किसान उस रास्ते पर आगे बढ़े।

बघेल के मुताबिक, आज किसान गैर-राजनीतिक आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी की ओर से इसकी पहल की गई। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने संसद के अंदर और बाहर इन कानूनों का पुरजोर विरोध किया। बघेल ने पॉप गायिका रेहाना और कुछ अन्य अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के ट्वीट से जुड़े विवाद पर सरकार की ओर से आधिकारिक बयान जारी किए जाने को लेकर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा, सरकार इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करके इसे और बढ़ा रहे हैं। उन्होंने इसका अंतरराष्ट्रीयकरण कर दिया है। अगर इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी जाती तो इस मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण नहीं होता।

बघेल ने कहा कि दूसरे देशों के मामले में खुद भारत भी टिप्पणी करता रहता है। अमेरिका में कैपिटल हिल मामले पर भारत ने भी टिप्प्णी की थी। बघेल ने नरेंद्र मोदी पर ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम को लेकर तंज कसा। उनका सवाल था कि क्या तब मोदी ने दूसरे देश के आंतरिक मामलों में दखल नहीं दिया था। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि किसानों की जरूरतों को पूरा किया जाए। सरकार को स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट को लागू करने और 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने जैसे वायदों को भी पूरा करना चाहिए।