पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में सिलीगुड़ी शहर के निकट शुक्रवार (22 मार्च) को दोपहर भयावह रेल हादसा हुआ। शहर से थोड़ी दूर फांसीदेवा के निकट चटहाट और निजबाड़ी स्टेशन के बीच करणगच्छ इलाके में 15904 चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के इंजन में अचानक आग लग गई। इससे यात्रियों में दहशत फैल गई। मारे दहशत के कुछेक यात्री चलती ट्रेन से कूद गए। इसमें दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। खबर लिखे जाने तक मृतकों की शिनाख्त नहीं हो पाई थी।
इंजन से धुआं और आग निकलते देख लोको पायलट ने ट्रेन को मौके पर ही रोक दिया। आनन-फानन में सारे यात्री उतर गए और पटरी किनारे शरण ली। इस आपाधापी में कई यात्री मामूली घायल भी हो गए।

ट्रेन में आग की सूचना मिलने पर अग्निशमन विभाग का चार दमकल और रेलवे के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। बड़ी मशक्कत से आग पर काबू पाया जा सका। आग से ट्रेन के इंजन और इंजन से लगे एक कोच को क्षति पहुंची है। जले इंजन और कोच को ट्रेन से अलग कर एनजेपी स्टेशन से एक दूसरा इंजन मंगवा कर उसकी मदद से ट्रेन को आगे गंतव्य की ओर भेजा गया। इस घटना के चलते एनजेपी-गुवाहाटी मार्ग में अन्य कई ट्रेनों का परिचालन कई घंटे प्रभावित रहा।
रेलवे की ओर से आधिकारिक रुप से किसी के मरने की पुष्टि नहीं की गई है। कहा गया है कि इंजन में धुएं उठने लगे। ट्रेन को मौके पर ही रोक दिया गया। चार दमकलों की मदद से आग पर काबू पाया गया। उसके बाद एनजेपी स्टेशन से एक दूसरा इंजन मंगवा कर ट्रेन को गंतव्य की ओर रवाना कर दिया गया।