भारत का स्पेस वारफेयर सिस्टम अब पहले से ज्यादा मजबूत होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार (11 जून 2019) को सुरक्षा मामलों से जुड़ी कैबिनेट की बैठक मे डिफेंस स्पेस रिसर्च एजेंसी (डीएसआरओ) को नए हथियार और तकनीक बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।

रक्षा मंत्रालयों से जुड़ें सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि ‘पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों से जुड़ी कैबिनेट ने डीएसआरओ को भविष्य के हथियार और तकनीक बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है।’

इस एजेंसी में वैज्ञानिकों की एक टीम होगी जो कि तीन सेनाओं (थल, जल और वायु) से जुड़े अधिकारियों के साथ तालमेल कर काम करेगी।एजेंसी डिफेंस स्पेस एजेंसी (डीएसए) को रिसर्च और विकास से जुड़े कार्यों में मदद करेगी। बता दें कि सरकार ने अंतरिक्ष में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए डीएसए का गठन किया है।

बता दें कि मोदी सरकार सशस्त्र बलों को लगातार मजबूत करने के लिए प्रयास कर रही है। इस फैसले से भारत को स्पेस में युद्ध की स्थिति में अच्छे हथियार और तकनीक के डेवलप होने से काफी मदद मिलेगी। वहीं भारत का पड़ोसी देश चीन लगातार स्पेस में अपनी ताकत को बढ़ाता जा रहा है। ऐसे में भारत का यह फैसला अपने पड़ोसी को यह संदेश देगा की वह किसी भी हाल में स्पेस में कमजोर नहीं दिखना चाहता।

गौरतलब है कि इससे पहले भारत ने मार्च में अंतरिक्ष में अपनी बढ़ती ताकत का उदाहरण भी पेश किया था। भारत ने एंटी सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट किया था। इस मिशन में भारत ने अपनी ही एक बेकार हो चुकी पुरानी सैटालाइट को धवस्त कर दिया था। इस सफल मिशन से भारत ने दुनिया को दिखा दिया था कि वह स्पेस तकनीक के मामले किसी भी देश से कम नहीं।