किसान आंदोलन के बीच पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कृषि ऋण की सूरत में 16.5 लाख करोड़ का प्रावधान बजट में किया है। इसके साथ ही ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के साथ स्वामित्व योजना पूरे देश में लागू करने का भी ऐलान किया।

सरकार ने 2021 बजट में एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर, डेवेलपमेंट सेस बढ़ा दिया है। यह पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर रखा गया है। इसके अलावा एग्रीकल्चर इफ्रास्ट्रक्चर सेस काबुली चने पर 30 फीसदी, मटर पर 50 फीसदी, मसूर की दाल पर 5 फीसदी और रूई पर 5 फीसदी बढ़ा दिया गया है। वहीं, पांच फिशिंग हार्बर को आर्थिक गतिविधि के हब के रूप में तैयार करने का ऐलान सरकार ने किया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने एमएसपी बढ़ाकर उत्पादन लागत का 1.5 गुना किया गया है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021 में किसानों को गेहूं पर 75,100 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। गेहूं उगाने वाले 43.36 लाख किसानों को एमएसपी के तहत सरकारी खरीद से लाभ हुआ, यह संख्या पहले 35.57 लाख थी। वित्त मंत्री जब ये बता रही थीं विपक्ष तीन कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी कर रहा था।

वित्त मंत्री ने कहा, किसानों को दालों के लिए 10,503 करोड़ का भुगतान हुआ है। धान की भुगतान राशि 1,72,752 करोड़ होने का अनुमान है। इसके अलावा, सरकार कृषि उत्पादों के एक्सपोर्ट में 22 और उत्पादों को शामिल करेगी। वित्त मंत्री का कहना था कि एग्रीकल्चर इंफ्रा फंड को बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रुपए किया जाएगा।

गौरतलब है कि दिल्ली की सीमा पर किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्हें 2 माह से ज्यादा वक्त बीत चुका है। उनकी मुख्य मांग एमएसपी को कानूनी शक्ल देने के साथ 3 कृषि कानूनों को वापस लेने की है। किसानों को बजट से उम्मीदें जरूर रही होंगी, लेकिन सरकार ने फिहहाल इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। किसानों को राहत देने के नाम पर सरकार का कहना है कि पीएम किसान निधि योजना के तहत उन्हें सालाना रकम दी जा रही है।