रिलायंस जिओ समेत अन्य प्राइवेट मोबाइल कंपनियों को 4G कवरेज में टक्कर देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में से 5 मेगाहर्ट्ज बैंड स्पेक्ट्रम खरीदने का प्लान बना रही है। बीएसएनएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डाइरेक्टर अनुपम श्रीवास्तव ने बताया, ‘हमने इस संबंध में सरकार को पत्र लिखकर 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में अपनी रुचि के बारे में अवगत कराया है। इसके लिए सरकार की तरफ से वित्तीय सहायता की जरूरत पड़ेगी। हमें 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदना ही पड़ेगा क्योंकि हमारे पास इसके आलावा दूसरा कोई आॅप्शन नहीं है।’
गौरतलब है कि केंद्र सरकार पहली बार 700 मेगाहर्ट्ज की निलामी कर रही है, जिसका बेस प्राइस 11,485 करोड़ प्रति मेगाहर्ट्ज रखा गया है। अगर 700 मेगाहर्ट्ज बैंड के तहत सभी एयरवेव्स बिक जाते हैं तो सरकार अकेले इस एक निलामी से 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होगा। अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि यदि 700 मेगाहर्ट्ज बैंड की निलामी में बहुत उंची बोली लगती है तो बीएसएनएल पूरे देश की बजाए कुछ चुनिंदा सेक्टर्स के लिए स्पेक्ट्रम खरीदने की कोशिश करेगी। इसके लिए हमें सरकारी सहायता की जरूरत पड़ेगी। यह सबकुछ नीलामी के दौरान अन्य कंपनियों द्वारा स्पेक्ट्रम खरीद की बोली पर निर्भर करेगा।
गौरतलब है कि 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी 29 सितंबर को की जाएगी। डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम ने नीलामी के लिए आवेदन मंगाए हैं और इसके लिए नोटिस जारी किया है। विभाग 7 बैंड स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगा, कुल 2354.55 मेगाहर्ट्ज बैंड की नीलामी होगी। पेमेंट करने के 30 दिन के बाद स्पेक्ट्रम के लिए लाइसेंस दिया जाएगा। स्पेक्ट्रम नीलामी में एसयूसी 3 फीसदी होगा। बता दें कि कैबिनेट मेगा स्पेक्ट्रम ऑक्शन प्लान को मंजूरी दे चुका है। माना जा रहा है कि इस नीलामी से सरकारी खजाने को 5.66 लाख करोड़ रुपए मिलेंगे। जो टेलिकॉम इंडस्ट्री को होने वाले रेवेन्यू की तुलना में दोगुना है।700 मेगाहर्ट्ज बैंड की नीलामी को लेकर कंपनियां काफी उत्साहित हैं। माना जा रहा है कि इस बैंड पर मोबाइल और इंटरनेट सर्विस की क्वालिटी काफी अच्छी होगी।
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